जन अभियान परिषद के मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साधा कमल नाथ पर निशाना, बोले - क्यों रोका था इनका फंड
राजधानी भोपाल में जंबूरी मैदान पर जन अभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों और स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिभागियों के सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं
राजधानी भोपाल में जंबूरी मैदान पर जन अभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों और स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिभागियों के सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोपहर करीब 12:45 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। यहां पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज ने कन्यापूजन के साथ बहनों का भी पूजन किया और दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने साल ओढ़ाकर बहनों का अभिनंदन किया। प्रदेश में गरीब महिलाओं आर्थिक सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना प्रारंभ करने पर महिलाओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रक्षासूत्र बांधकर धन्यवाद ज्ञापित किया। बता दें कि सम्मेलन में जन अभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों और स्वैच्छिक संगठनों के करीब 30 हजार प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं।
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रस्फुटन समितियों एवं स्वैच्छिक संगठनों के 35 हजार प्रतिभागियों का महाकुंभ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। pic.twitter.com/wb6uSGgDLt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2023
सम्मेलन में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक जमाना था, जब प्रदेश अंधेरे का घर था। लेकिन अब बिजली, पानी, सिंचाई, सड़क सबका जाल बिछाया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि जन अभियान परिषद की तारीफ करते हुए कहा कि इस संगठन ने अद्भुत काम किया है।
यह स्वयंसेवी, समाजसेवियों का ऐसा महा संगठन बन गया है, जिसमें सब सेवा करने वालों को एक प्लेटफॉर्म पर खड़ा कर दिया है। यह आज वटवृक्ष बन गया है, यह पेड़ जब सभी को विकास की छाया दे रहा था, तभी बीच में 15 महीने की (कमल नाथ) सरकार आ गई। उसे यह काम चुभ गए, वटवृक्ष को काटने की कोशिश की।
वटवृक्ष तो नहीं कटा, लेकिन काटने वाले खुद कट के रह गए। मुख्यमंत्री शिवराज ने आगे कहा क्या जरूरत थी जन अभियान परिषद को खत्म करने की कोशिश की। नवांकुर प्रस्फुटन समितियों को फंड देना बंद कर दिया। इन समाजसेवियों ने क्या बिगाड़ा था, ये तो बता दो कमलनाथ। समाजसेवी कांटे की तरह तुम्हारी आंखों में चुभ रहे थे।