140 करोड़ लोगों के टैक्स का पैसा 3 देशों के घुसपैठियों को बसाने पर खर्च करेगी सरकार
Arvind Kejriwal on CAA: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह को करार जवाब दिया है. सीएए पर ANI को दिए इंटरव्यू के बाद केजरीवाल ने फिर से सरकार को घेरा है. पढ़िए
Arvind Kejriwal: केंद्र सरकार की तरफ़ से CAA का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सियासत गरमा गई है. विपक्षी पार्टियाँ केंद्र सरकार पर हमला बोल रही हैं. बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हमारे अपने देश के लोगों के पास नोकरी नहीं है और हम पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान के लोगों लाकर यहाँ बसा रहे हैं. इस पर अब अमित शाह ने एक इंटरव्यू में केजरीवाल समेत तमाम विपक्षी नेताओं पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
क्या बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि असदुद्दीन ओवैसी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी समेत सभी विपक्षी दल झूठ की राजनीति कर रहे हैं. विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, वो जो कहते हैं वो कभी करते नहीं. गृह मंत्री ने आगे कहा कि सीएए कभी वापस नहीं होगा और किसी को भी इससे डरने की ज़रूरत नहीं है. क्योंकि यह नागरिकता देने वाला क़ानून नाकि लेने वाला.
गलत काम को लीगल कर रही सरकार
गृह मंत्री अमित शाह के इंटरव्यू के बाद केजरीवाल ने फिर से प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि गृह मंत्री ने मेरे एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया, सिर्फ़ मुझे गाली गलौज की है. मैंने उनसे सवाल किया था कि हमारे अपने बच्चों के पास नौकरियाँ नहीं, ऐसे में हम पड़ोसी देशों से आए लोगों के कैसे नौकरी देंगे और कहां से देंगे? केजरीवाल ने कहा कि पाकिस्तना, बांग्लादेश आफगानिस्तान के लोग अभी भारत में डर-डरकर आते हैं लेकिन आपके इस क़ानून के बाद वो लोग बिना ख़ौफ़ के आएँगे. क्योंकि आप एक ग़लत को गाम लीगल कर रहे हैं.
दिल्ली को राशन देते नहीं, घुसपैठियों देगा केंद्र
इसी दौरान केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 72 लाख लोगों के पास राशन हैं. हम केंद्र सरकार से कहते हैं कि दिल्ली में गरीब ज़्यादा हैं राशन की तादाद बढ़ाई जाए तो सरकार ऐसा करने से इनकार कर देती है. अब पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान के लोगों को हम भारत बसाकर उनके राशन बनाएँगे. केजरीवाल ने कहा कि भारत सरकार के पास 140 करोड़ के द्वारा दिया गया टैक्स का पैसा है. हम नहीं चाहते कि वो पैसा घुसपैठियों को बसाने के लिए खर्च किया जाए.