CM Shinde Furious Reaction: महाराष्ट्र में राजनीति के गहरे संघर्ष के बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुस्से में आया एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मामला उस समय का है जब सीएम शिंदे मुंबई में कांग्रेस नेता नसीम अहमद खान के दफ्तर के पास से गुजर रहे थे और वहां मौजूद लोगों ने उनके खिलाफ 'गद्दार-गद्दार' के नारे लगाए. ये सुनकर सीएम शिंदे ने अपनी गाड़ी रोकी और सीधे कांग्रेस दफ्तर तक पहुंच गए. वहां पहुंचकर गुस्से में उन्होंने सवाल किया, 'ऐसा सिखाते हैं क्या आप लोग?'
'गद्दार' शब्द का राजनीतिक तात्पर्य
यह घटना शिवसेना में हुए विभाजन के बाद के माहौल की एक झलक देती है. शिंदे गुट के खिलाफ अक्सर शिवसेना (यूबीटी) के नेता 'गद्दार' शब्द का इस्तेमाल करते हैं. वे शिंदे और उनके समर्थकों को धोखेबाज मानते हैं क्योंकि उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को छोड़ दिया था. यही नहीं, शिंदे गुट के नेताओं ने भी इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. शिंदे का कहना है कि जिन लोगों ने बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा को छोड़ दिया, वो ही अब 'गद्दार' शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं.
पहले भी हो चुका है विरोध
इससे पहले, सोमवार 11 नवंबर को भी सीएम शिंदे का विरोध किया गया था. जब वे मुंबई के चांदीवली विधानसभा क्षेत्र में अपने विधायक दिलीप लांडे के चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे, तो कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी के सामने काले झंडे दिखाए और गाड़ी रुकवाने की कोशिश की. पुलिस ने इस विरोध को शांत किया और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया.
राजनीति में बढ़ते विवाद और शिंदे का कड़ा रुख
सीएम शिंदे का यह वीडियो साबित करता है कि राजनीति में अब न केवल शब्दों बल्कि नारों और प्रदर्शन के जरिए विरोध जताने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है. शिंदे ने खुद को कभी ‘गद्दार’ कहे जाने का विरोध करते हुए इसे एक राजनीतिक हथकंडा बताया है. वे इसे अपनी पार्टी और जनता के लिए एक संदेश मानते हैं कि उन्हें अपमानित करने की कोशिश करने वालों का जवाब उचित तरीके से देंगे.
राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा नहीं
यह घटना महज एक राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सियासत में गहरे हुए संघर्ष और एक-दूसरे के प्रति बढ़ते आरोप-प्रत्यारोप का प्रमाण भी है. सीएम शिंदे के गुस्से और उनके जवाब ने यह साफ कर दिया है कि उनकी नीयत और राजनीतिक रणनीति के खिलाफ हो रहे विरोध को वे हल्के में नहीं ले रहे हैं.
आखिरकार, यह सवाल उठता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में किसके खिलाफ कौन सी रणनीति काम करेगी? क्या शिंदे अपनी टीम और सत्ता को बचाने में सफल होंगे, या शिवसेना (यूबीटी) का विरोध उन्हें और अधिक दबाव में लाएगा? यह सभी सवाल आने वाले दिनों में और भी स्पष्ट होंगे, क्योंकि राजनीति में कुछ भी स्थिर नहीं रहता. First Updated : Tuesday, 12 November 2024