हाथरस कांड के 7 दिन बाद CM योगी का पहला एक्शन, SDM समेत 6 अधिकारी सस्पेंड
CM Yogi Action On Hathras Case: 7 दिन पहले हाथरस में हुए भयंकर हादसे के बाद योगी सरकार एक्शन में है. सूरजपाल उर्फ बाबा भोले के सत्संग में हुए 123 मौतों के मामले में सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही मामला SIT को सौंपा गया था. इस पर एजेंसी ने 300 पेज की रिपोर्ट पेश की. अब इसपर CM योगी आदित्यनाथ ने एक्शन लिया है.
Hathras Update: हाथरस के कांड पर एक्शन होना शुरू हो गया है. भगदड़ के 7 दिन बाद योगी सरकार पहला एक्शन लिया है. SIT की रिपोर्ट के बाद SDM, CO, इंस्पेक्टर समेत 6 अफसर सस्पेंड हो गए हैं. बताया जा रहा है कि SIT की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी गई थी. उन्होंने इसे पढ़ने के बाद एक्शन लिया है. CM से निर्देश मिलने पर इन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं पुलिस ने पहले से मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. इसमें सेवादार शामिल था जिसे मामले का मुख्य आरोपी बनाया गया है.
SIT ने मामले में 300 पेज की जांच रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें कहा गया था कि सबसे पहली गलती इस पूरे मामले में आयोजकों की है. हालांकि, इसमें अधिकारियों की गलती को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने खतरे को भांपने में देरी की है. हादसे में किसी साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. इस की गहनता से जांच होनी चाहिए.
कौन-कौन हुआ सस्पेंड?
SIT की रिपोर्ट में कार्रवाई की अनुशंसा के बाद मुख्यमंत्री ने बड़ी मीटिंग बुलाई थी. इसमें कार्रवाई की बात कही कही थी. आज हुए एक्शन में SDM सिकंदराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकंदराराऊ, थाना अध्यक्ष सिकंदराराऊ, तहसीलदार सिकंदराराऊ, चौकी प्रभारी कचौरा एवं चौकी प्रभारी पोरा सस्पेंड कर दिया गया है.
रिपोर्ट में कही गई थी ये बात
जांच के के लिए टीम ने 100 से अधिक लोगों से बात की थी. कई स्थानों का दौरा भी किया गया था. इसके बाद पाया गया कि घटना के पीछे कार्यक्रम आयोजक तथा पुलिस व प्रशासन के लोग दोषी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि SDM, CO, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज ने अपने दायित्वों निर्वहन नहीं किया. इस कारण हुआ या फिर ये इतना बड़ा हो गया. SDM ने मुआयना किए बिना ही कार्यक्रम की अनुमति दे दी थी.
आयोजक भी दोषी
SIT की रिपोर्ट में कार्यक्रम के आयोजकों को दोषी माना गया है. इसमें कहा गया है कि इन्होंने तथ्यों को छुपाकर आयोजन की अनुमति ली थी. इसके अलावा भी उन्होंने अनुमति के लिए लगाई गई शर्तों का पालन नहीं किया था. आयोजकों की तरफ से वहां आने वाले लोगों के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी.