ये क्या कह गए CM योगी! क्या सच में बाबर का है अयोध्या से कोई गहरा कनेक्शन?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में एक सनसनीखेज खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि 500 साल पहले बाबर के सिपहसालार ने जो घटनाएँ अयोध्या और संभल में की थीं, वही हालात अब बांग्लादेश में हो रहे हैं. CM ने समाज को तोड़ने वालों के बारे में भी चेतावनी दी और यह भी कहा कि जब देश में संकट आएगा, तो ये लोग विदेश भाग जाएंगे. राम के आदर्शों को जीवन में उतारने की जरूरत की बात करते हुए CM ने अयोध्या को एक बार फिर से वैश्विक पहचान दिलाने का वादा किया. जानिए CM योगी ने रामायण मेला के दौरान और किस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात की!
CM Yogi Shocking Revelation: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि 500 साल पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या और संभल में जो कृत्य किए थे, वही काम आज बांग्लादेश में हो रहा है। उन्होंने बताया कि इन घटनाओं की प्रकृति और डीएनए में समानता है। उनका कहना था कि कुछ बांटने वाले तत्व समाज को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और भविष्य में अगर देश में संकट आए, तो ये लोग अपने स्वार्थ के लिए विदेश भाग जाएंगे। सीएम ने यह भी बताया कि हम प्रभु राम के आदर्शों से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री मोदी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के निर्माण में योगदान देंगे।
रामायण मेला में महत्वपूर्ण घोषणाएं
सीएम योगी ने रामायण मेला समिति द्वारा आयोजित 43वें रामायण मेला का शुभारंभ करते हुए कहा कि अयोध्या धाम को पुरातन गौरव दिलाने के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने रामायण पर शोध की आवश्यकता पर जोर दिया और रामायण मेला समिति को आश्वस्त किया कि सरकार हमेशा उनके साथ है। इस मौके पर सीएम ने रामायण मेला का महत्व बताया और कहा कि अयोध्या विश्व कल्याण का केंद्र रही है, और अब यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से एक वैश्विक नगरी के रूप में फिर से उभर रही है।
श्रीराम के आदर्श और सामाजिक एकता
मुख्यमंत्री ने भगवान राम के आदर्शों को समाज में एकता और समरसता का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि अगर हमने जोड़ने को प्राथमिकता दी होती, तो भारत कभी गुलाम नहीं होता और समाज में विद्वेष फैलाने की कोशिशें असफल हो जातीं। सीएम ने आगे कहा कि भारत के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के प्रयास करने वाले तत्व आज भी मौजूद हैं, जो जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं।
बाबर के एक सिपहसालार ने 500 वर्ष पहले जो काम श्री अयोध्या धाम में किया था, संभल में किया था और जो काम आज बांग्लादेश में हो रहा है, तीनों का DNA एक है... pic.twitter.com/GTbXq6VEXN
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 5, 2024
राम के प्रति श्रद्धा का महत्व
सीएम योगी ने कहा कि श्रीराम के प्रति भारत की श्रद्धा की गहराई को देखकर ही समझा जा सकता है कि गांव-गांव में रामलीला कैसे आयोजित की जाती है। उन्होंने 1990 के दशक में रामायण सीरियल की लोकप्रियता को उदाहरण के तौर पर दिया, जो दिखाता है कि देश में श्रीराम के प्रति श्रद्धा कितनी प्रगाढ़ है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिनके मन में श्रीराम और मां जानकी के प्रति श्रद्धा नहीं है, उन्हें समाज से अलग कर देना चाहिए।
डॉ. लोहिया का आदर्श और समाज की एकता
सीएम ने समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा यह विश्वास किया कि जब तक श्रीराम, श्रीकृष्ण और भगवान शिव के प्रति आस्था बनी रहेगी, तब तक भारत की एकता को कोई चुनौती नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि भारत की अखंडता और सामाजिक एकता के लिए इन आराध्य देवताओं के आदर्शों का पालन करना आवश्यक है।
राम के आदर्शों को जीवन में उतारने की आवश्यकता
सीएम योगी ने राम के आदर्शों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आज समाज में जिस तरह के विवाद हो रहे हैं, जैसे जमीन के एक-एक फिट के लिए कत्लेआम, भाई-भाई और परिवारों के बीच झगड़े, इससे बचने के लिए हमें राम के आदर्शों को अपनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी उनकी सरकार श्रीराम के आदर्शों का पालन करते हुए समाज में शांति और समरसता लाने के लिए काम कर रही है।
समारोह में उपस्थित लोग
इस अवसर पर मणिराम दास छावनी के महंत महंत कमलनयन दास जी महाराज, जगद्गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य जी महाराज, पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती, और कई अन्य प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। इस आयोजन की अध्यक्षता डॉ. जनार्दन उपाध्याय ने की।
सीएम योगी के इस बयान से साफ है कि उनका उद्देश्य समाज में एकता और शांति बनाए रखना है, और वे हमेशा राम के आदर्शों को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।