योगी सरकार ने क्यों रोकी 2.5 लाख कर्मचारियों की सैलरी? इस उपाय से मिलेगा पैसा
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि वे अपनी संपत्ति का विवरण मानव सम्पदा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें. हालांकि, सख्त निर्देशों के बावजूद अभी तक 2,44,565 राज्य कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण नहीं दिया. इस मामले में सख्ती बरतते हुए सरकार ने करीब 2.50 लाख कर्मचारियों का वेतन रोक लिया है.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के करीब 30% सरकारी कर्मचारियों ने अब तक अपनी संपत्ति का विवरण नहीं दिया है. योगी सरकार ने एक और कड़ा कदम उठाया है. राज्य में 2.44 लाख राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों के अगस्त महीने के वेतन को रोक दिया है. मुख्य सचिव ने निर्देश दिया था कि 31 अगस्त तक सभी को मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण अनिवार्य रूप से देना होगा. इसपर CM योगी ने भी सख्ती दिखाई थी.
राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपनी चल और अचल संपत्तियों का विवरण मानव सम्पदा पोर्टल पर जमा करने का आदेश दिया था. इसके लिए कई बार रिमाइंडर भी भेजे गए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस संबंध में सख्त चेतावनी दी थी.
30 फीसदी ने नहीं दी जानकारी
जानकारी के अनुसार, अब तक केवल 71 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल पर प्रस्तुत किया है. CM की चेतावनी के बाद भी लगभग 30 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपनी संपत्तियों का विवरण पोर्टल पर नहीं दिया है. ऐसे में इनकी अगस्त महीने की सैलरी रोक दी गई है. सूत्रों के अनुसार, अब उन्हें एक बार फिर से समय दिया गया है. जैसे हो वो जानकारी देंगे उनकी सैलरी रिलीज कर दी जाएगी.
इन्हें रखा गया था मुक्त
प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में कुल 8,46,640 कर्मचारी हैं. इनमें से केवल 6,02,075 कर्मचारियों ने ही मानव सम्पदा पोर्टल पर अपनी संपत्तियों का विवरण ऑनलाइन दर्ज किया है. हाल ही में जारी आदेश के अनुसार, सभी विभागों के कर्मचारियों को आईएएस और पीसीएस अधिकारियों की तरह अपनी संपत्तियों का विवरण ऑनलाइन देना अनिवार्य किया गया था. हालांकि, इसमें शिक्षक और निगमों व स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मी शामिल नहीं थे.
इन्होंने नहीं दी जानकारी
सरकार के आदेश के बाद भी कई विभाग के कर्मचारी जानकारी देने में पीछे रहे. इसमें सबसे आगे शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग के कर्मचारी शामिल है. वहीं टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के सबसे ज्यादा कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्यौरा अपलोड कर दिया.