Haryana Election: MSP की गारंटी और 6000 रु पेनशन समेत दी ये 7 गारंटी
Haryana Assembly Election: हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस ने राज्य के लिए 7 गारंटी जारी की है. कांग्रेस ने इसमें किसानों को एमएसपी और 6000 रुपये पेनशन के अलावा मुफ्त बिजली जैसे वादे किए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इन 7 गारंटियों के लिए हमारा 54 पेज का मैनिफेस्टो भी है.
Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी आश्वासन और जाति सर्वेक्षण सहित सात प्रमुख गारंटियों की घोषणा की. अपनी सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत, कांग्रेस ने बुजुर्गों, विकलांगों और विधवाओं के लिए ₹6,000 की मासिक पेंशन की गारंटी दी. पार्टी ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का संकल्प लिया, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को आकर्षित करना है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में इन गारंटियों को लॉन्च किया गया. कांग्रेस ने घरों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली और ₹25 लाख तक का मुफ्त इलाज देने का भी वादा किया. कृषि क्षेत्र के लिए, पार्टी ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी पेश करने का वादा किया, जो देश भर के किसानों की लंबे समय से मांग रही है. कांग्रेस ने वोटरों को यह भी यकीन दिया कि वह जाति सर्वेक्षण कराएगी और क्रीमी लेयर के लिए आय सीमा ₹6 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख करेगी.
आज कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मेनिफेस्टो लॉन्च किया।
— Congress (@INCIndia) September 18, 2024
📍 AICC मुख्यालय, नई दिल्ली pic.twitter.com/iCEiu77v7l
मीडिया को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा, "हम इन गारंटियों को लागू करेंगे और इसीलिए हमने इसे 'सात वादे, पक्के इरादे' नाम दिया है." उन्होंने कहा कि 'सात वादे, पक्के इरादे' नाम की इन सात गारंटियों के अलावा, हमारे 53 पन्नों के घोषणापत्र को बाद में चंडीगढ़ में विस्तार से समझाया जाएगा, लेकिन ये वादे हम निश्चित रूप से पूरे करेंगे.
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है, जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी. चुनाव कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण समय पर हो रहे हैं, जिसे हाल के वर्षों में राज्य में अपनी राजनीतिक पकड़ बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.