बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी और शिवावतारी गुरु गोरखनाथ की नगरी गोरखपुर के बीच रविवार से हवाई सेवा शुरू हो गयी। वाराणसी से गोरखपुर समेत उत्तर प्रदेश के अलग-अलग छह शहरों से सीधी उड़ान सेवा का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की वर्चुअल उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर योगी ने कहा कि प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार से सिर्फ आवागमन ही सुगम नहीं हुआ है, बल्कि इससे पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं को भी पंख लगे हैं।
वाराणसी-गोरखपुर फ्लाइट के शुभारंभ समारोह में लखनऊ स्थित अपने आवास से वर्चुअल जुड़े मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज नौ एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जबकि पांच वर्ष पूर्व तक यह संख्या महज चार थी। पहले इन हवाई अड्डों से मात्र 25 गंतव्यों के लिए हवाई यात्रा की सुविधा थी। आज 75 गंतव्यों की यात्रा की जा सकती है। आस्था की नगरी चित्रकूट, जनजातीय आबादी वाले सोनभद्र, भगवान बुद्ध के सर्वाधिक चातुर्मास व्यतीत करने वाले श्रावस्ती में एयरपोर्ट बनने की बात हो, भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्रियाशील होना हो या फिर नोएडा के जेवर एवं अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कार्य तेजी से प्रगति में होने की बात, यह सभी उत्तर प्रदेश के विकास की नई कहानी को कहते हैं। हवाई सेवा आवागमन की सुविधा देने के साथ ही समग्र विकास को गति देती है। इससे रोजगार के अवसर एवं पर्यटन की संभावनाओं का विकास होता है।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। आवश्यकता इन संभावनाओं को आगे बढ़ाने की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश के विकास की महती भूमिका होगी। गोरखपुर-वाराणसी, गोरखपुर-कानपुर, वाराणसी-मुम्बई, कानपुर-पटना समेत उत्तर प्रदेश देश और प्रदेश के छह गंतव्यों के लिए फ्लाइट का आज से शुरू होना विकास की नई ऊंचाइयों को छूने में सहायक होगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी का सपना भी पूरा हो रहा है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज की यात्रा कर सके।
मुख्यमंत्री योगी ने बतौर संसद सदस्य गोरखपुर से हवाई सेवा प्रारंभ करने के दौरान किए गए संघर्षों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि जब वह गोरखपुर से फ्लाइट शुरू कराने का प्रयास कर रहे थे तब सर्वे करने वाले कहते थे कि गोरखपुर में यात्री नहीं है। तब मैंने कहा था फ्लाइट शुरू करो, विमान में खाली सीटों की भरपाई मैं अपने पास से कर दूंगा। इसके बाद एक निजी एयरलाइन ने हवाई सेवा प्रारंभ की और वह बेहद सफल भी रही।
उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के कई शहर विभिन्न गंतव्यों से हवाई सेवा से जुड़ रहे हैं। ऐसे में मेरे लिए यह अत्यंत आह्लादित करने वाला क्षण है। विशेष रूप से बाबा गोरखनाथ की धरती का बाबा विश्वनाथ की धरती से वायुमार्ग से पहली बार जुड़ाव होना। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी दुनिया की सबसे प्राचीनतम जीवंत नगरी है। बाबा विश्वनाथ के पावन धाम को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भव्य और दिव्य स्वरूप दिया गया है। गोरखपुर और वाराणसी के बीच बेहतरीन एयर कनेक्टिविटी से आवागमन में समय की बचत तो होगी ही, रोजगार और समग्र विकास की संभावनाएं भी इससे जुड़ेंगी। First Updated : Sunday, 27 March 2022