बिहार उपचुनाव की तारीख पर खड़ा हुआ विवाद, प्रशांत किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में डाला मुकदमा!

बिहार में 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव की तारीख को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने चुनाव आयोग से तारीख बढ़ाने की मांग की, क्योंकि 13 नवंबर को छठ पूजा है जो लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण है. जब चुनाव आयोग ने उनकी मांग को ठुकरा दिया तो प्रशांत किशोर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. वे चाहते हैं कि चुनाव 20 नवंबर को कराए जाएं, जैसा कि अन्य राज्यों में हुआ. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 11 नवंबर को सुनवाई करेगा. क्या तारीख बदलेगी जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!

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Bihar By-Election: बिहार में चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 13 नवंबर को निर्धारित उपचुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर चुनाव आयोग से संपर्क किया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उनकी यह मांग खारिज कर दी. इसके बाद, प्रशांत किशोर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और उपचुनाव की तारीख में बदलाव की मांग की है.

छठ पूजा का हवाला देते हुए तारीख बढ़ाने की अपील

जन सुराज पार्टी ने अपनी याचिका में बिहार में छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व का हवाला दिया है और कहा है कि 13 नवंबर को चुनाव होने से मतदाताओं की भागीदारी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. पार्टी का कहना है कि छठ पूजा के बाद ही उपचुनाव की तारीखों का यह समय तय किया गया है, जो कई मतदाताओं के लिए कठिन हो सकता है. जन सुराज पार्टी ने चुनाव आयोग से उपचुनाव की तारीख को 20 नवंबर तक बढ़ाने की अपील की है, ताकि लोग धार्मिक आयोजनों के बाद बेहतर तरीके से मतदान में भाग ले सकें और प्रचार का भी उचित समय मिल सके.

चुनाव आयोग ने किया खारिज, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

जन सुराज पार्टी की इस मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था. इसके बाद पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. 11 नवंबर को जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी. जन सुराज पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग ने जिन राज्यों में उपचुनाव की तारीखों में बदलाव किया, वहां भी धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों का हवाला दिया गया था, जैसे उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में हुआ. लेकिन बिहार में छठ पूजा जैसे बड़े त्योहार के बावजूद उपचुनाव की तारीख को नहीं बदला गया, जो उनके लिए असमान व्यवहार की स्थिति उत्पन्न करता है.

जन सुराज पार्टी का पहला चुनावी मुकाबला

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी पहली बार बिहार विधानसभा उपचुनाव में मैदान में है. पार्टी ने अपनी पहली चुनावी जंग के लिए उम्मीदवारों को उतारा है और प्रशांत किशोर ने पहले बिहार के विभिन्न इलाकों में जनसुराज यात्रा भी की थी. यही कारण है कि पार्टी ने चुनावों की तारीख में बदलाव की मांग की है, ताकि वे अपने प्रचार कार्य को सही तरीके से पूरा कर सकें और मतदाताओं तक पहुंच सकें.

क्या सुप्रीम कोर्ट करेगा चुनावी तारीख में बदलाव?

अब सवाल यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला करेगा. 13 नवंबर को बिहार की चार विधानसभा सीटों—तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज—पर उपचुनाव होना है. जन सुराज पार्टी की याचिका में यह कहा गया है कि बिहार में चुनाव की तारीख को बदलने की अपील पर चुनाव आयोग ने कोई ध्यान नहीं दिया और यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है, जो समानता का अधिकार सुनिश्चित करता है.

इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद यह साफ होगा कि बिहार के उपचुनाव की तारीख में बदलाव होगा या नहीं.

इस प्रकार बिहार में उपचुनाव की तारीख को लेकर अब राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने इसे लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. अब देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला करती है. First Updated : Saturday, 09 November 2024