रोका जा सकता था मुंबई नाव हादसा?, घटना की सबसे बड़ी वजह आई सामने, जानकर चौंक जाएंगे आप

Mumbai boat accident: मुंबई में पिछले दिनों भारतीय नौसेना की बोट और यात्री नाव में हुई टक्कर के मामले में नई जानकारी सामने आई है. नौसेना से जुड़े लोगों ने बताया कि हादसे का बड़ा कारण स्टीयरिंग असेंबली और थ्रॉटल क्वाड्रेंट में तकनीकी खराबी है, जो बोट की गति को नियंत्रित करती है. नौसेना की बोट पर सवार जीवित बचे व्यक्ति ने बताया कि टक्कर होने के समय चालक दल को तकनीकी खराबी के बारे में पता था.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

Mumbai boat accident: 18 दिसंबर को मुंबई के समुद्र में एक बड़ा हादसा हुआ. नौसेना की एक बड़ी नाव और यात्रियों से भरी एक नौका के बीच टक्कर हो गई, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई. नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक, यह हादसा तकनीकी खराबी के कारण हुआ, जिससे नाव की स्पीड नियंत्रित नहीं हो पाई और वह पर्यटकों से भरी नौका से टकरा गई. 

हादसे के वक्त, नौसेना के जहाज पर एक व्यक्ति था जो नाव बनाने वाली कंपनी से था. उसने बताया कि नाव की पहले जांच की गई थी और चालक दल को टक्कर लगने के बाद खराबी का पता चला. घटना के वीडियो में दिखाया गया कि जहाज को नौका से दूर ले जाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन हादसे से बचने के लिए नौसेना का जहाज जल्दी से घूम नहीं सका.

बोट के स्टीयरिंग में थी खराबी

नौसेना का जहाज एक रिजिड हल इन्फ्लेटेबल बोट (आरएचआईबी) था, जिसका इंजन पहले जांचा गया था, लेकिन फिर भी चालक का नियंत्रण खो गया और वह पर्यटकों की नौका नील कमल से टकरा गया. इस नौका में 100 से ज्यादा यात्री थे, जो गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा द्वीप की ओर जा रहे थे. एलिफेंटा द्वीप प्राचीन गुफा मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है.

चालक दल को पहले से था पता

टक्कर के कारण नौका अरब सागर में डूब गई, जिससे यह मुंबई की सबसे घातक समुद्री दुर्घटनाओं में से एक बन गई. दुर्घटना के बाद, नौसेना और तटरक्षक बलों ने सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. दोनों जहाजों पर 113 लोग सवार थे, जिनमें से 15 की मौत हो गई, जबकि 98 को बचा लिया गया, जिनमें दो लोग घायल हो गए. नौसेना के जहाज पर चालक दल के छह सदस्य थे, जिनमें से केवल दो ही जीवित बच पाए.

क्‍या रोका जा सकता था मुंबई नौका हादसा

महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) के रिकॉर्ड के मुताबिक, नील कमल को अधिकतम 84 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को ले जाने की अनुमति थी, लेकिन टक्कर के समय यह नौका क्षमता से अधिक भरी हुई थी. एमएमबी ने नील कमल का लाइसेंस रद्द कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने नौसेना के जहाज के चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें लापरवाही, सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने और नेविगेशन से संबंधित आरोप हैं. फिलहाल, नौसेना का जहाज नौसेना अधिकारियों की हिरासत में है और पुलिस ने अपनी जांच के लिए जहाज तक पहुंच का अनुरोध किया है.

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23 December 2024, 02:46 PM IST

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