ज्ञानवापी मामले में खारिज हुई ASI सर्वे की याचिका, हिंदू पक्ष को कोर्ट से बड़ा झटका

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. वाराणसी सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक ने अपना फैसला सुनाते हुए एएसआई सर्वे की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी.

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Gyanvapi Case: वाराणसी कोर्ट ने 25 अक्टूबर को ज्ञानवापी परिसर में केंद्रीय गुंबद के नीचे ASI सर्वेक्षण और खुदाई की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट के इस फैसले से हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है. हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने इस फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च अदालत का दरवाजा खटखटाने का इरादा जताया है.

करीब 33 साल पुराने इस मामले में हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने और मंदिर बनाने का अधिकार मांगा था. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने एएसआई सर्वेक्षण का विरोध करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने साइट पर किसी भी प्रकार की खुदाई से पहले ही इनकार कर दिया था. 

कोर्ट का फैसला और याचिका खारिज

25 अक्टूबर को वाराणसी सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने हिंदू पक्ष की एएसआई सर्वेक्षण की याचिका को खारिज कर दिया. वकील विजय शंकर रस्तोगी ने मस्जिद के केंद्रीय गुंबद के नीचे और वजुखाना क्षेत्र में शिवलिंग की उपस्थिति की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण की आवश्यकता जताई थी. उनका कहना था कि पिछली जांच अधूरी थी और पूरे परिसर में एएसआई द्वारा पूर्ण जांच होनी चाहिए. 

मुस्लिम पक्ष की दलीलें और विरोध

मुस्लिम पक्ष, जिसे अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व मिला हुआ है, ने इस सर्वे का विरोध किया. उनका तर्क था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही खुदाई और एएसआई अधिकारियों को संरचनात्मक क्षति से बचने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कोर्ट को 8 अक्टूबर को अपनी दलीलें पेश कर दी थीं और न्यायालय से इस याचिका को खारिज करने का आग्रह किया था. 

फैसला सुनने से पहले कोर्ट में चली बहस

19 अक्टूबर को इस मामले में बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. इस दौरान, वकील रस्तोगी ने पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण कराने की वकालत की, जबकि मुस्लिम पक्ष ने यह कहते हुए विरोध किया कि पिछले आदेशों के अनुसार खुदाई निषिद्ध है. 

हाई कोर्ट जाने की तैयारी

हिंदू पक्ष के वकील रस्तोगी ने कहा कि वे इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे. हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि, ''कोर्ट ने एएसआई द्वारा पूरे ज्ञानवापी क्षेत्र की सुरक्षा के अतिरिक्त सर्वेक्षण के हमारे आवेदन को खारिज कर दिया है. हम इस फैसले के खिलाफ 30 दिनों के भीतर हाई कोर्ट जाएंगे."

33 साल पुराना मामला

भगवान विशेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी का यह मामला 1991 से चल रहा है. हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में पूजा और मंदिर निर्माण का अधिकार देने की मांग की थी. पिछले 33 वर्षों में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दीं, और कोर्ट में कई कानूनी उदाहरण प्रस्तुत किए. 

ज्ञानवापी परिसर विवाद का ऐतिहासिक दृष्टिकोण

1991 से लंबित इस मामले में ज्ञानवापी परिसर में नए मंदिर के निर्माण और हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार देने पर विवाद चल रहा है. हिंदू पक्ष का तर्क है कि मस्जिद के अंदर शिवलिंग स्थित है, जिसके संरक्षण और धार्मिक अधिकारों के लिए न्यायालय से अनुमति मांगी गई है. First Updated : Friday, 25 October 2024