उत्तराखंड में दरारों ने बढ़ाई दहशत, अब जेपी कॉलीनी पर आ रही मुसीबत

जेपी कॉलीनी पर संकट मंडरा रहा है। दरअसल, यहां मकानों की दीवारों और छतों में दरारें पड़ने लगी है। हालात को देखते हुए स्थानीय लोगों में दहशत बनी हुई है। वहीं जोशीमठ की जेपी कॉलोनी के निरीक्षण के बाद पाया गया कि इसे काफी नुकसान पहुंचा है। पूरी जेपी कॉलोनी ही भू धंसाव की चपेट में है। ऐसे में इसकी मरम्मत नहीं की जा सकती है। बता दें कि इस कॉलोनी में 30 से ज्यादा मकान है, जिनमें बड़ी दरारें आ गई है और ये बढ़ती ही जा रही है।

Shruti Singh
Edited By: Shruti Singh

Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में घरों में दरारें पड़ने का संकट अभी टला नहीं है। यहां एक के बाद एक मुसीबतें बढ़ती जा रही है, इससे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। हाल में जोशीमठ में जिन घरों और होटलों में अधिक दरारें पड़ रही थी, उन्हें बुलडोजर से गिराने का काम किया गया था। वहीं अब जेपी कॉलीनी पर संकट मंडरा रहा है। दरअसल, यहां मकानों की दीवारों और छतों में दरारें पड़ने लगी है। हालात को देखते हुए स्थानीय लोगों में दहशत बनी हुई है।

वहीं जोशीमठ की जेपी कॉलोनी के निरीक्षण के बाद पाया गया कि इसे काफी नुकसान पहुंचा है। पूरी जेपी कॉलोनी ही भू धंसाव की चपेट में है। ऐसे में इसकी मरम्मत नहीं की जा सकती है। बता दें कि इस कॉलोनी में 30 से ज्यादा मकान है, जिनमें बड़ी दरारें आ गई है और ये बढ़ती ही जा रही है। खतरे को देखते हुए कॉलोनी के क्षतिग्रस्त भवनों को गिराने की तैयारी शुरू हो गई है।

गौरतलब है कि जोशीमठ में स्थित होटल मलारी इन और माउंट व्यू को सुरक्षित तरीके से ध्वस्तीकरण किया गया था। वहीं अब इसी तरीके से जेपी कॉलोनी में जिन घरों में अधिक दरारें पड़ रही है, उन्हें गिराया जाएगा।

हालांकि अभी कॉलोनी से कितने घरों को हटाया जाएगा, इसे लेकर चमोली के डीएम को एक सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए गए है। इसमें ऐसी संरचनाओं की संख्या बताने हैं, जिन्हें हटाया जाना है। इसके बाद जिन घरों और दुकानों में अधिक दरारें हैं, उन्हें जल्द से जल्द वैज्ञानिक तरीके से विध्वंस करने की कार्रवाई शुरू होगी।

जोशीमठ में भू धंसाव और मकानों में दरार का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। इससे लोगों में घबराहट और डर का माहौल बरकरार है। प्रशासन द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। वहीं लोगों को मजबूरन उनका आशिया छोड़कर जाना पड़ रहा है। ऐसे में यहां चारो ओर खौफ और मायूसी का आलम छाया हुआ है।

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17 January 2023, 11:36 AM IST

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