करोड़ों श्रद्धालु, हजारों वाहन...फिर भी 42 दिनों तक ग्रीन जोन में रही महाकुंभ की एयर क्वालिटी
CPCB के एनवॉयरमेंट एडवाइजर इंजीनियर शेख शिराज ने कहा कि महाकुंभ के दौरान एयर क्वालिटी ‘ग्रीन जोन’ में रही. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण अवसरों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) इस प्रकार रहा: 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 67, 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 67, 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 106, 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को 65 और 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) को 52 फीसदी रहा.

महाकुंभ से एक अच्छी खबर सामने निकल आ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, महाकुंभ क्षेत्र की वायु गुणवत्ता ग्रीन जोन में रही है. यूपी सरकार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. सरकार के अनुसार, महाकुंभ में अब तक 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की पवित्र डुबकी लगा चुके हैं. आपको बता दें कि महाकुंभ में हर दिन हजारों वाहनों की आवाजाही हो रही है. इसके बावजूद भी एयर क्वालिटी ग्रीन जोन में रही.
CPCB के एनवॉयरमेंट एडवाइजर इंजीनियर शेख शिराज ने कहा कि महाकुंभ के दौरान एयर क्वालिटी ‘ग्रीन जोन’ में रही. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण अवसरों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) इस प्रकार रहा: 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 67, 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 67, 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 106, 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को 65 और 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) को 52 फीसदी रहा.
42 दिनों तक ग्रीन जोन में रहा AQI
AWI में ‘‘100’’ से नीचे के आंकड़े को सबसे अच्छा माना जाता है, जबकि ‘‘100 से 150’’ को मीडियम कैटेगरी में रखा जाता है. मौनी अमावस्या को छोड़कर, अन्य सभी दिनों में वायु गुणवत्ता को अच्छे के रूप में रखा गया है. बयान में कहा गया कि श्रद्धालुओं की लगातार आवाजाही और बड़ी संख्या में ईंधन चालित वाहनों की मौजूदगी के बावजूद, शहर की वायु गुणवत्ता 42 दिनों तक ‘ग्रीन जोन’ में रही.
महाशिवरात्रि को होगा अंतिम अमृत स्नान
बताते चलें कि महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी यानि महाशिवरात्रि के अवसर पर होगा. रिपोर्ट के अनुसार, महाशिवरात्रि पर 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है. इसके साथ महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ के पार पहुंचने की संभवानाएं जताई जा रही हैं.


