औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर नागपुर में हिंसा, फडणवीस बोले- सोची समझी साजिश
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार रात हिंसा भड़क गई, जब औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद दो समुदाय आमने-सामने आ गए. इस दौरान 33 पुलिसकर्मी और 5 नागरिक घायल हो गए, जिसके बाद प्रशासन ने कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इसे "सुनियोजित साजिश" बताया और दावा किया कि कुछ खास घरों और संस्थानों को टारगेट किया गया. उन्होंने कहा कि फिल्म 'छावा' ने लोगों के गुस्से को भड़काया.

महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार शाम हिंसा भड़क उठी, जब औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग के चलते तनाव फैल गया. इस दौरान 33 पुलिसकर्मी और 5 नागरिक घायल हो गए. हालात को काबू में लाने के लिए प्रशासन को कई इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इस हिंसा को "सुनियोजित साजिश" करार दिया और कहा कि कुछ खास घरों और संस्थानों को टारगेट किया गया. उनका दावा है कि नई हिंदी फिल्म ‘छावा’, जिसमें छत्रपति संभाजी और औरंगजेब के बीच हुए युद्ध को दिखाया गया है, उसने लोगों के गुस्से को भड़का दिया.
पत्थरों से भरी ट्रॉली मिली
मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधानसभा में बताया कि सोमवार रात अफवाहें फैलाई गईं कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर धार्मिक चिह्न थे. उन्होंने कहा, "हमें एक ट्रॉली में पत्थर मिले, जो हिंसा के लिए पहले से की गई तैयारी को दर्शाता है. कुछ विशेष घरों और संस्थानों को टारगेट किया गया. एक डिप्टी कमिश्नर पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया. पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और जो कानून हाथ में लेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.
हिंसा कैसे भड़की?
फडणवीस ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने 'औरंगजेब की कब्र हटाओ' जैसे नारे लगाए और घास के गुच्छों से बनी एक प्रतीकात्मक कब्र जला दी. इसके बाद अफवाह फैली कि कब्र को ढकने वाले कपड़े पर धार्मिक पाठ था. नमाज के बाद करीब 250 लोग इकट्ठा हुए और नारेबाजी शुरू कर दी. जब भीड़ ने वाहनों को जलाने की धमकी दी, तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने हिंसा को लेकर और कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, "यह सुनियोजित साजिश थी, जिससे खास समुदाय को निशाना बनाया गया." शिंदे ने आगे कहा, "जो लोग औरंगजेब का समर्थन कर रहे हैं, वे गद्दार हैं. औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र पर एक दाग है. देशभक्त मुस्लिम कभी औरंगजेब का समर्थन नहीं करेंगे."
हिंसा के पीछे विपक्ष की साजिश?
शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं ने पहले ही कहा था कि महाराष्ट्र में दंगे होंगे. उन्होंने कहा, "यह विपक्ष की साजिश लग रही है." वहीं, नागपुर के लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, "नागपुर ने हमेशा धार्मिक सौहार्द बनाए रखा है. मैं सभी से अपील करता हूं कि अफवाहों पर ध्यान न दें."
मणिपुर को महाराष्ट्र बनाया जा रहा है
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "वे महाराष्ट्र को मणिपुर बनाने की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि "महाराष्ट्र में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि यहां भी मणिपुर जैसे हालात पैदा हो जाएं."
नागपुर में कर्फ्यू लागू
नागपुर में हिंसा के बाद के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कई घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई और लगभग एक दर्जन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. एक स्थानीय निवासी शरद गुप्ता ने बताया कि "सोमवार रात 10:30 बजे उपद्रवियों ने हमारे घर पर हमला कर दिया, पत्थर फेंके और हमारी चार दोपहिया गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस एक घंटे बाद पहुंची."