दमोह: जिले में लगातार बढ़ रहा है अपराधों का ग्राफ, जिम्मेदार मौन
दमोह जिले में बढ़ते अपराधों और बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है, जिसके चलते आम आदमी में भय का माहौल बना हुआ है
संबाददाता- मनीष साहू (दमोह, मध्यप्रदेश)
मध्यप्रदेश। दमोह जिले में बढ़ते अपराधों और बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है, जिसके चलते आम आदमी में भय का माहौल बना हुआ है। एक के बाद एक लगातार हत्याएं हो रही और शव मिल रहे। आनन फानन में पुलिस हत्या का खुलासा कर भी देती है तो कोर्ट में सबूत नहीं दे पाती, जहां उसे जज की फटकार का सामना करना पड़ता हैं। जिले में हत्या ही नही चाकूबाजी की घटनाएं भी लगभग रोज ही सामने आ रही है। यहां तक कि पुलिस चौकी के पीछे आरक्षक को लोग चाकू मारकर भाग जाते है और पुलिस शांति व्यवस्था बनाए रखने मीटिंग करती रह जाती है।
यही नहीं जिले में महिलाओं के खुलेआम अपहरण हो रहे है, स्कूल, कॉलेज, मदरसे से युवतियां गायब हो रही हैं। कई मामलों में पुलिस को सफलता भी मिली तो कई मामले में पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग सका है। बता दें कि पुलिस रिकार्ड के अनुसार इस महीने के 22 दिनों में ही 44 व्यक्ति गायब हो गए, जिनमें 4 साल के मासूम से लेकर 70 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं। जिससे अंदाजा तो मानव तस्करी होने का भी लगाया जा रहा है। अपराध का आलम यह है कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास बन रही शराब किसी को भी आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। तो वही शहर और जिले में अनेक स्थान ऐसे भी है, जहां लोगों ने जुआ खेलने का अड्डा बना रखा है।
खबर तो यह भी है पॉश कॉलोनी में करोड़ों तो खुले मैदान और संकीर्ण गलियों में लाखों जुआ होता हैं। कहीं हमेशा तो कही दिवाली से लेकर ग्यारस तक महफिल जमती है। अभी बीते दिनों पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास से ही एक जुआ फड़ पर कार्रवाई हुई थी, जहां से लाखों रुपए भी पुलिस को मिले थे। लेकिन अपनी छींक लेने तक की ख़बरें मीडिया से शेयर करने वाली कोतवाली पुलिस एसपी ऑफिस के सामने जुआ और शराब के कारोबारियों को बदनाम नहीं करना चाहती। शायद इसीलिए सिटिजन पोर्टल पर FIR भी छिपा दी गई।
शराब का धंधा करने वालों से पुलिस की ऐसी सांठगांठ है कि बीते दिनों कुछ समाज सेवियों ने पथरिया थाना क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार करने वाले एक सैकड़ा से अधिक लोगों की एक सूची तैयार कर पुलिस को सौंपी थी, लेकिन पथरिया पुलिस ने उल्टे उन्ही पर मुकदमा कायम कर दिया, जिसकी कई शिकायते भी हुई आवेदन भी हुए। अगर पुलिस अधीक्षक डीआर तेनीवार की माने तो 9 अक्टूबर से लेकर 17 अक्टूबर तक 209 लोगों पर आबकारी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया यही नहीं इस बीच NDPS के 2 प्रकरण भी पंजीबद्ध किए गए।
इस नशे के कारोबार के विरुद्ध पुलिस को करीब 4 लाख रुपए से अधिक गांजा और शराब पकड़ने में सफलता मिली है। जिसमे लगभग 235 प्रकरण दर्ज किए गए है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 8 दिन के यह हाल हैं तो बाकी दिनों में क्या होता होगा और किस तरह जिले में नशा और जुआ का कारोबार करने वालो का जाल फैला हुआ हैं। जिले में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। अपराधी वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस अपराधियों पर नकेल नहीं कस पा रही है। चर्चा तो यही भी है कि जिले की पुलिस इन दिनों कानून व्यवस्था बनाए रखने में कम वसूली पर अधिक ध्यान दे रही है।