जोशीमठ में छा सकता है अंधेरा, बिजली के पोल होने लगे तिरछे
जोशीमठ में भूस्खलन के बाद अब बिजली तारों के पोल भी तिरछे होने लगे है जिसके बाद अब जोशीमठ में किसी भी वक्त अंधेरा होने का भी खतरा बढ़ गया है। जिसको देखते हुए अब उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन निगम ने तिरछे हो चुके खंभो को हटाने का काम शुरू कर दिया है।
उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते प्रशासन और लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगीं है। जोशीमठ में अब तक 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी है। प्रशासन लगातार इलाके के सभी घरों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा रहा है।
जोशीमठ में NDRF और SDRF की टीमें तैनात की गई है। अब प्रशासन ने असुरक्षित घरों और कई होटलों को तोड़ने का आदेश दिया है जोशीमठ में बिल्डिंगो को तोड़ने के लिए बुल्डोजर भी तैनात है लेकिन वहां को लोग बिल्डिंगो को तोड़ने नहीं दे रहे कुछ लोगों का कहना है कि सरकार या प्रशासन की तरफ से उनको बिल्डिंग तोड़ने का कोई नोटिस जारी नहीं किया गया और अगर सरकार के हमारे होटल और घर तोड़ने है तो हमें उसका मुआवजा भी मिलना चाहिए।
वहीं भूस्खलन के बाद अब बिजली तारों के पोल भी तिरछे होने लगे है जिसके बाद अब जोशीमठ में किसी भी वक्त अंधेरा होने का भी खतरा बढ़ गया है। जिसको देखते हुए अब उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन निगम ने तिरछे हो चुके खंभो को हटाने का काम शुरू कर दिया है।
लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते किसी भी वक्त बिजली लाइन धाराशाही हो सकती है इसको लेकर उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन निगम की तरफ से इंजीनियर की अगुवाई में एक टीम जोशीमठ भेजी गई है जो वहां के हालातों का जायजा लेकर रिपोर्ट करेंगे।
फिलहाल बिजली लाइनों को सुरक्षित करने के लिए तिरछे हो चुके खंभो को हटाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पिटकुल के 66 केवी के सबस्टेशन के आस-पास की जमीन धंस रही है जिसके बाद इस सबस्टेशन के धंसने का खतरा भी बढ़ गया है उससे पहले इसको शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है।
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