Dausa By-Election: राजस्थान के दौसा विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने एक बिल्कुल ही अनोखा तरीका अपनाया. वोट की अपील करने के लिए उन्होंने जो तरीका अपनाया, वह न सिर्फ हैरान करने वाला था, बल्कि काफी चर्चा में भी आ गया. मंत्री मीणा ने हाथ में कमंडल लेकर और गले में 'भिक्षाम देहि' का बैनर टांगकर मतदाताओं से वोट की भीख मांगी. स्कूटी पर सवार होकर वह गली-गली, गांव-गांव घूमते हुए यह संदेश दे रहे थे कि दौसा की जनता से उन्हें वोट की 'भीख' चाहिए.
गली-गली घूमते हुए भिक्षाम देहि की अपील
किरोड़ी लाल मीणा का यह प्रचार तरीका बिल्कुल अलग था. वह कभी बैलगाड़ी पर सवार होते तो कभी नाचते हुए लोगों के बीच जाते. शनिवार को वह स्कूटी पर सवार होकर अपने समर्थकों और मतदाताओं से 'भिक्षाम देहि' का नारा लगा रहे थे. यह दृश्य देखकर लोग हैरान थे, लेकिन मंत्री जी के इस अनोखे प्रचार ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा. विधायक रामविलास मीणा स्कूटी चला रहे थे, जबकि किरोड़ी लाल मीणा हाथ में कमंडल लेकर मतदाताओं से वोट की अपील कर रहे थे.
कांग्रेस ने किया पलटवार, डोटासरा ने साधा निशाना
इस चुनावी माहौल में कांग्रेस भी पीछे नहीं रही. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने किरोड़ी लाल मीणा के इस अनोखे प्रचार को लेकर उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'मंत्रियों की यह हालत हो गई है कि वे गली-गली घूमकर वोट की भीख मांग रहे हैं. कांग्रेस का एक साधारण उम्मीदवार उनके लिए इतना खतरनाक साबित हो रहा है कि पूरी बीजेपी सरकार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है.' डोटासरा का कहना था कि दौसा की जनता ने मन बना लिया है और अब वह बीजेपी से कह रही है – 'आराम देहि'.
किरोड़ी लाल मीणा का चुनावी भविष्य दांव पर
राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं, जिसमें दौसा भी शामिल है. बीजेपी ने इस सीट से मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के छोटे भाई, जगमोहन मीणा को टिकट दिया है. इस उपचुनाव में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. लोकसभा चुनाव में मीणा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले थे और अब इस उपचुनाव में उनकी मेहनत और पार्टी की प्रतिष्ठा दोनों ही जांच के घेरे में हैं.
कांग्रेस और बीजेपी दोनों के बीच कड़ी टक्कर
दौसा उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. जबकि बीजेपी उम्मीदवार के प्रचार में मंत्री मीणा का अनोखा तरीका खासा चर्चित हो रहा है, वहीं कांग्रेस ने अपनी ओर से भी पूरी ताकत झोंक दी है. अब देखना यह है कि 23 नवंबर को होने वाली वोटों की गिनती के बाद जनता का फैसला क्या होगा.
राजनीति में प्रचार के तरीके अक्सर चर्चा का विषय बनते हैं और दौसा में किरोड़ी लाल मीणा का प्रचार तरीका इसका बेहतरीन उदाहरण है. अब सवाल यह है कि इस अनोखे प्रचार का क्या असर होगा और दौसा की जनता किसे अपना समर्थन देती है. 23 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि मीणा का यह अंदाज वोटों में तब्दील हुआ या नहीं. First Updated : Saturday, 09 November 2024