अनिल देशमुख और नवाब मलिक को मतदान की अनुमति देने का फैसला 9 जून को
मुंबई की विशेष अदालत पूर्व मंत्री अनिल देशमुख तथा मंत्री नवाब मलिक को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की अनुमति देने का फैसला 9 जून को सुनाएगी। इस मामले में बुधवार को अनिल देशमुख तथा नवाब मलिक के
मुंबई की विशेष अदालत पूर्व मंत्री अनिल देशमुख तथा मंत्री नवाब मलिक को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की अनुमति देने का फैसला 9 जून को सुनाएगी। इस मामले में बुधवार को अनिल देशमुख तथा नवाब मलिक के वकील तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने बहस की। इसके बाद विशेष अदालत ने मामले का फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रख दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा से राज्यसभा की 6 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में मतदान की अनुमति के लिए पूर्व मंत्री अनिल देशमुख तथा मंत्री नवाब मलिक ने 4 जून को याचिका दाखिल की थी। इस मामले की सुनवाई 6 जून को अदालत में हुई थी और अदालत ने ईडी को अपना पक्ष रखने के लिए 7 जून तक का समय दिया था। 7 जून को ईडी ने अनिल देशमुख तथा नवाब मलिक को मतदान की अनुमति का विरोध किया था।
इस मामले की आज सुनवाई के दौरान ईडी के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने सुप्रीम अदालत के कुछ आदेशों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि राज्यसभा चुनाव में मतदान मौलिक अधिकार नहीं है। एएसजी अनिल सिंह ने तर्क दिया कि मामला जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 62 (5) के तहत आता है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव की तुलना राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के चुनाव से नहीं की जा सकती है। इसलिए इन दोनों को राज्यसभा चुनाव में मतदान की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अदालत में नवाब मलिक तथा अनिल देशमुख की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने पक्ष रखा। दोनों पक्षों की बहस पूरी हो जाने के बाद अदालत ने अपना निर्णय 9 जून तक के लिए सुरक्षित रख दिया है।