उत्तराखंड विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे बर्खास्त कर्मचारियों की पुलिस ने बुधवार को हटा दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हो गई। पुलिस जब धरनास्थल से कर्मचारियों को हटाने लगी, तो कुछ कर्मचारी इसका विरोध करने लगे। कई महिलाएं सड़क पर ही बैठ गई। इस पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों का कहना है कि "विधानसभा सचिवालय में वर्ष 2001 से लेकर 2021 तक की सभी नियुक्तियां एक ही पैटर्न पर की गई हैं। हाईकोर्ट में दिए अपने शपथ पत्र में विधानसभा अध्यक्ष ने बताया है कि राज्य निर्माण के बाद से अब तक की सभी नियुक्तियां अवैध हैं, लेकिन उनकी ओर से कार्रवाई केवल 2016 के बाद नियुक्त कर्मचारियों पर ही की गई है। कर्मचारियों ने कहा कि 2001 से 2015 के बीच अवैध रूप से नियुक्त कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त न की गईं तो इसके विरोध में परिजनों सहित उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।"
दरअसल, धरने पर बैठे कर्मचारियों ने विधानसभा अध्यक्ष पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब सभी नियुक्तियां अवैध है तो कार्रवाई केवल कुछ कर्मचारियों पर ही क्यों की गई है। इस मामले में कर्मचारियों ने स्थानीय प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। First Updated : Wednesday, 21 December 2022