Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज यानी 26 सितंबर शुरू हो रहा है. इस पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विशेष नजर है. पहली बार आतिशी मुख्यमंत्री के रूप में सदन में उपस्थित होंगी, जबकि अरविंद केजरीवाल केवल विधायक के रूप में मौजूद रहेंगे. यहां आतिशी की अग्निपरीक्षा होने वाली है. बीजेपी ने उनके खिलाफ 14 मुद्दों को तैयार किया है. सदम में देखने वाली खास बात ये भी होगी कि क्या यहां भी केजरीवाल की सीट खाली रहेगी.
बता दें जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने आतिशी को प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री चुना है. अब आतिशी के सामने दिल्ली की समस्याओं से लड़ने के साथ ही विपक्ष के हमलों से लड़ने की चुनौती है.
यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल उसी सीट पर बैठते हैं या उनके लिए कोई अलग सीट तय की जाती है. आम तौर पर मुख्यमंत्री की कुर्सी स्पीकर के आसन के ठीक सामने होती है, जबकि नेता विपक्ष की कुर्सी सीएम की सीट से 90 डिग्री के कोण पर होती है.
सोमवार को मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद आतिशी ने कहा था कि जिस तरह भरत जी ने राम की खड़ाऊ रखकर सिंहासन संभाला था. उसी तरह मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रही हूं. इस दौरान उनके बगल में एक खाली कुर्सी भी दिखाई दी थी. उन्होंने कहा कि यह कुर्सी केजरीवाल की वापसी तक खाली रहेगी और उनका इंतजार करेगी.
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि बीजेपी के सभी विधायक इस सत्र में दिल्ली की 2 करोड़ जनता की समस्याओं पर चर्चा करेंगे और सरकार से इन मुद्दों पर जवाब मांगेंगे. उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अब 'भ्रष्ट पार्टी' की सरकार बन चुकी है.
केजरीवाल पर तंज कसते हुए गुप्ता ने कहा कि जो नेता जेल से सरकार चलाने का दावा कर रहे थे. अब उन्हें समझ आ गया है कि न तो सरकार जेल से चलाई जा सकती है और न बेल से. इसी कारण उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के नेता सदन में जनता के मुद्दों पर चर्चा से बचना चाहते हैं, इसलिए प्रश्न काल का प्रावधान ही नहीं किया जा रहा.