Delhi: एलजी वीके सक्सेना और सीएम केजरीवाल ने इमारतों को भूकंपरोधी बनाने के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की इमारतों को भूकंपरोधी बनाने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए। भूकंप से क्षति को रोकने के लिए राजधानी के सभी स्कूलों, अस्पतालों समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर रेट्रोफिटिंग करने के लिए कहा गया है।

Lalit Hudda
Lalit Hudda

दिल्ली उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने शनिवार को डीडीएमए की बैठक में अधिकारियों को भूकंप के मामले में क्षति को रोकने, शहर के सभी स्कूलों, अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों और अन्य महत्वपूर्ण कार्यालयों के साथ कमजोर इमारतों के रेट्रोफिटिंग पर काम शुरू करने के निर्देश दिए है।

शनिवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक उपराज्यपाल वीके सक्सेना की की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी भाग लिया। इस बैठक का आयोजन हाल ही में तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंपों के चलते किया गया। बैठक में एच3एन2 वायरल, एच1एन1 वायरस और कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा की गई।

इस दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधि ने कहा कि अन्य सभी राज्यों ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के साथ मिलकर काम करने के लिए अपने राज्य में आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) लगा दिए हैं, लेकिन दिल्ली अभी तक प्रभावी ढंग से ऐसा नहीं कर पाई है। उन्होंने डीडीएमए से दिल्ली में शीघ्र एसडीआरएफ गठित करने की अपील की है।

उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि जल्द से जल्द ऐसा करने का फैसला किया गया है। बयान में बताया गया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) का पता लगाने के लिए एक उचित भवन उपलब्ध नहीं होने के तथ्य को भी बैठक में हरी झंडी दिखाई गई और समयबद्ध तरीके से इसे संबोधित करने का निर्णय भी लिया गया। वहीं सीएम केजरीवाल ने आपदाओं के शमन के संबंध में गठित विभिन्न समीतियों की सभी रिपोर्टों और सिफारिशों को संकलित करने और सारणीबद्ध करने की आवश्यकताओं पर जोर दिया।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सचिवालय और पुलिस मुख्यालय जैसे सरकारी कार्यालयों को रेट्रोफिटिंग के जरिए भूकंपरोधी बनाने की जरूरत है। बैठक में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आपदाएं प्रकट होने से पहले पूर्व सूचना नहीं देती हैं। किसी भी घटना का सामना करने के लिए हमें तरह से तैयार रहने की अवश्यकता है। वहीं एलजी ने कहा कि राजधानी को किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है और इसकी तैयारी आज से ही शुरू कर देनी चाहिए।

बैठक के दौरान उपराज्यपाल ने इमारतों की रेट्रोफिटिंग, बचाव कार्यों के लिए खुली जगहों की पहचान, आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए जिलों और उप-मंडलों में अस्पतालों को चिन्हित करने, गली और उपमार्गों को चौड़ा करने, आपात स्थिति में संचार के लिए रेलवे और टेलीफोन नेटवर्क के साथ संपर्क स्थापित करने जैसे कई अन्य उपायों की रूपरेखा तैयार की। साथ ही अधिकारियों को इस दिशा में काम शुरू करने के निर्देश दिए गए।

बैठक के दौरान अधिकारियों ने कहा कि आपदा राहत स्वयंसेवकों के नामांकन और प्रशिक्षण के लिए आपदा मित्र योजना दिल्ली में शुरू की गई थी और अब तक 1,800 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित और नामांकित किया जा चुका है। डीडीएमए द्वारा स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाने, उन्हें प्रशिक्षित करने और उनकी वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध जानकारी उपलब्ध कराने पर सहमति हुई।

इसके अलावा बैठक में एच3एन2 वायरस और कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर भी चर्चा की गई। एक अधिकारिक बयान में कहा गया है कि राजधानी में मास्क लगाना जरूरी है। मास्क के साथ-साथ सामाजिक दूरी, समय-समय पर हाथों की सफाई और अस्पतालों की तैयारी के निर्देश दिए गए है।

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18 March 2023, 07:42 PM IST

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