Delhi: रेलवे जॉब रैकेट का मास्टरमाइंड सहयोगी समेत गिरफ्तार
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुलिस ने रेलवे जॉब रैकेट का मुख्य मास्टरमाइंड और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इससे पहले 31 अगस्त को ट्रेनी टिकट परीक्षक के रूप में 5 व्यक्तियों के एक गिरोह की गिरफ्तारी के साथ रेलवे जॉब रैकेट का खुलासा किया था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुखदेव, संदीप सिदाना, दीपक और राहुल के रूप में हुई है।
नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुलिस ने रेलवे जॉब रैकेट का मुख्य मास्टरमाइंड और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इससे पहले 31 अगस्त को ट्रेनी टिकट परीक्षक के रूप में 5 व्यक्तियों के एक गिरोह की गिरफ्तारी के साथ रेलवे जॉब रैकेट का खुलासा किया था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुखदेव, संदीप सिदाना, दीपक और राहुल के रूप में हुई है। आरोपी सुखदेव ने ठगी के पैसे से एक मर्सिडीज कार खरीदी और आरोपी संदीप सिदाना ने ठगी के पैसे से एक बीएमडब्ल्यू कार खरीदी थी। पुलिस ने दोनों कारें भी बरामद की है।
डीसीपी रेलवे हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बीती 31 अगस्त को मोहम्मद रिजवान और अमनदीप सिंह को रेलवे जॉब रैकेट में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए इन्हें रिमांड पर लिया गया। पूछताछ में मुख्य मास्टरमाइंड के रूप में सुखदेव सिंह और संदीप सिदाना के नामों का खुलासा किया। इस खुलासे के बाद एसीपी रेलवे प्रवीण कुमार के निर्देशन और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के एसएचओ राजेश मौर्य के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम का गठन किया गया।
पुलिस ने टेक्नीकल सर्विलियांस और ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर सुखदेव सिंह को सम्राट होटल गाजियाबाद से पकड़ लिया। सुखदेव सिंह इस होटल में कई दिनों तक छिपा रहा था। उससे धोखाधड़ी के पैसे से खरीदी गई एक मर्सिडीज कार भी बरामद की गई है। सुखदेव की निशानदेही पर दूसरा मास्टरमाइंड संदीप सिदाना को भीकाजी कामा प्लेस के पास जाल बिछाकर गिरफ्तार किया गया। उसके पास से एक बीएमडब्ल्यू कार भी बरामद हुई है। जिसे उसने धोखाधड़ी के पैसे से खरीदा था। दोनों आरोपियों से पूछताछ में दो और लोगों के नाम सामने आए जो जमीनी स्तर पर एजेंट का काम करते थे। इनकी पहचान दीपक और राहुल के रूप में हुई है। इसलिए सुखदेव और संदीप नाम के आरोपियों को दीपक और राहुल को पकड़ने के लिए पीसी रिमांड पर लिया गया था। पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपी दीपक और राहुल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
दीपक डीआरएम कार्यालय नई दिल्ली में एक संविदा पंप ऑपरेटर के रूप में काम करता है, जबकि राहुल के मामा रेलवे अस्पताल में एम्बुलेंस चालक हैं। पूछताछ में इन्होने खुलासा किया कि सुखदेव सिंह नौकरी के लिए भुगतान की जाने वाली राशि की बातचीत के बाद संभावित नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को लुभाता था। इसके बाद वह संदीप सिदाना को डिटेल्स रेफर करता था। वे केस टू केस के आधार पर पैसे का बंटवारा करते थे। उनके बीच कई लेन-देन का पता चला है। वे 2020 में एक-दूसरे के संपर्क में आए जब सुखदेव न्यू सीलमपुर क्षेत्र में छोटे कार डीलर के रूप में काम करता था।
उसने साल 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। उसने चुनाव में उधार के पैसे से बड़ा निवेश किया था लेकिन हार के बाद वह कर्ज में आ गया। उसने संदीप से मदद मांगी और दोनों ने रेलवे में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को धोखा देने का फैसला किया। संदीप ने सुखदेव को अपने मूल स्थान होशियारपुर पंजाब में नौकरी प्लेसमेंट एजेंसी खोलने का सुझाव दिया और वहां से नौकरी के इच्छुक युवकों को उसके पास भेजने के लिए कहा। संदीप ने पहले कॉल सेंटरों में प्लेसमेंट किया था और उसे इस क्षेत्र में अच्छा अनुभव था।
संदीप फर्जी रेलवे आवेदन फॉर्म और आई-कार्ड तैयार करता था जिसे वे मोबाइल फोन पर साझा करते थे। संदीप ने दीपक और राहुल नाम के दो लड़कों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास डीआरएम कार्यालय और रेलवे अस्पताल में रखा था। इन दोनों लड़कों की रेलवे कार्यालयों के अंदर आसानी से पहुंच थी। दीपक संविदा पंप संचालक हैं और राहुल के मामा रेलवे अस्पताल में एंबुलेंस चालक हैं। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज करके आगे की कार्यवाई शुरू कर दी है।