दिल्ली की वायु गुणवत्ता और खराब होने की संभावना, निर्माण व औद्योगिक कार्यों पर अंकुश
केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने शुक्रवार को ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (जीआरएपी) के चरण 3 के तहत प्रतिबंधों को लागू किया, क्योंकि हवा की गुणवत्ता खराब होने की संभावना थी। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता आज 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई।
रिपोर्ट। मुस्कान
नई दिल्ली। केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने शुक्रवार को ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (जीआरएपी) के चरण 3 के तहत प्रतिबंधों को लागू किया, क्योंकि हवा की गुणवत्ता खराब होने की संभावना थी। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता आज 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई।
शुक्रवार को आयोजित वायु गुणवत्ता पैनल की बैठक में, समिति ने राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति के साथ-साथ मौसम विभाग द्वारा पूर्वानुमान और दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक का आकलन किया। बैठक में फैसला लिया गया कि जीआरएपी के चरण 3 के तहत सभी कार्रवाई तत्काल प्रभाव से लागू की जाएंगी। आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में निर्माण और विध्वंस गतिविधि पर प्रतिबंध रहेगा।
क्षेत्र के लिए अनुमोदित ईंधनों की मानक सूची के अनुसार, ईंधन पर नहीं चलने वाले औद्योगिक संचालन पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही ईंट भट्ठे, हॉट मिक्स प्लांट जो ईंधन पर काम नहीं कर रहे हैं जो दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में स्वीकृत नहीं हैं, उन्हें संचालन बंद करना होगा। स्टोन क्रशर, खनन और इससे जुड़ी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध रहेगा। राज्य सरकारें पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा सकती हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले शुक्रवार को 'वास्तविक समय स्रोत विभाजन परियोजना' की प्रगति की समीक्षा की थी और कहा था कि वास्तविक समय के आधार पर वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान अब राष्ट्रीय राजधानी में शुरू हो गई है।
अक्टूबर 2021 में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित और नवंबर 2022 में स्थापित की गई परियोजना को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा भारतीय कानपुर संस्थान (आईआईटी-के), भारतीय दिल्ली संस्थान (आईआईटी-डी) के सहयोग से शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि आईआईटी टीम स्रोतों के प्रकार, सटीक समय और प्रदूषण उत्सर्जन के स्थान की अधिक विस्तृत पहचान करने की कोशिश कर रही है।