नई दिल्ली: राष्टीय राजधानी में इन दिनों सूफियाना रंगों और रौशनी से जगमगाती दिख रही है। दिल्ली का दिल इन दिनों सूफी गानों और गजलों का मुरीद हो गया है। शहर में "स्वर धरोहर महोत्सव" भारत की प्रतिष्ठित कला और संस्कृति और भारतीय राज्यों की समृद्ध साहित्यिक कला और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए संगीत, कला और साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने "स्वर धरोहर फाउंडेशन" के सहयोग से कलंजलि के तहत तीन दिवसीय "स्वर धारोहर महोत्सव" का उद्घाटन किया।
महोत्सव का आयोजन दिल्ली के प्रशिद इंडिया गेट पर संस्कृति मंत्रालय की और से किया गया। स्वर धरोहर महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री. महताब अली (सितार वादक) और पं. ललित प्रसाद (शास्त्रीय गायन) ने की। यह कार्यकर्म 2 दिसंबर यानी आज से लेकर 4 दिसंबर तक चलने वाला है। स्वर धरोहर महुत्सव के पहले दिन कई रोचक और आकर्षक कार्यकर्म रखा गया।
दिवाकर मीना के गजल और सूफी ब्रदर्स के सूफी गानों से लेकर कवि समेलन तक, यह कार्यकर्म शाम संगीत, कला और मुशायरा के बारे में थी। स्वर धरोहर उत्सव की शुरुआत सुबह रागों से हुई और कई हस्तियों ने प्रस्तुति दी। शाम का मुख्य आकर्षण हमसर आयत और अहतर आयत का प्रदर्शन था। उनके मंच पर आते ही दर्शक भावविभोर हो गए। उनके सूफी गानों ने दर्शकों का दिल जीत लिया और खूब वाहवाही बटोरी। इस महोत्सव में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और कला रूप से अत्यधिक प्रभावित हुए। प्रत्येक प्रदर्शन दूसरे से बेहतर था और पूरी शाम दर्शकों का मनोरंजन करता रहा। 3 दिन तक होने वाले इस महोत्सव में आने वाले स्थानीय कलाकार लीजेंड आर्टिस्ट के साथ एक ही मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। कवि सम्मेलन के माध्यम से राष्ट्रीय और स्थानीय कवि अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। First Updated : Friday, 02 December 2022