दिल्ली को मिलेगा नया 6 लेन फ्लाईओवर, ट्रैफिक होगा सुगम
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री परवेश साहिब सिंह ने घोषणा की है कि नॉर्थ दिल्ली के मेटकाफ हाउस टी-जंक्शन पर 680 मीटर लंबा छह लेन फ्लाईओवर बनाया जाएगा. यह फ्लाईओवर ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करेगा और सिविल लाइंस से सिग्नेचर ब्रिज तक यात्रा को आसान बनाएगा. करीब 183 करोड़ की लागत से बनने वाला यह प्रोजेक्ट राजधानी में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएगा.

दिल्ली सरकार राजधानी के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक मेटकाफ हाउस टी-जंक्शन पर यातायात को सुगम बनाने के लिए एक छह-लेन फ्लाईओवर का निर्माण कराने जा रही है. शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री परवेश साहिब सिंह ने जानकारी दी कि यह फ्लाईओवर सिविल लाइंस और सिग्नेचर ब्रिज के बीच दूरी को कम करेगा. इसकी कुल लंबाई 680 मीटर होगी और निर्माण पर 183 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आएगा.
यह फ्लाईओवर सिविल लाइंस ट्रॉमा सेंटर और डीआरडीओ कार्यालय के पास से शुरू होगा, जहां आउटर रिंग रोड और हेडगेवार रोड मिलती हैं. मंत्री ने कहा कि यह परियोजना राजधानी के सड़क नेटवर्क को आधुनिक, कुशल और यात्रियों के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसका मकसद है ट्रैफिक का बोझ कम करना, यात्रा का समय घटाना और मुख्य सड़कों पर दबाव को हल्का करना.
स्थानीय लोगों और ट्रैफिक पुलिस ने उठाई थी मांग
विभाग के अनुसार, मेटकाफ हाउस टी-जंक्शन पर लगातार भारी ट्रैफिक की शिकायतें मिल रही थीं. स्थानीय निवासी, बाजार संघ और अन्य सार्वजनिक हितधारकों ने इस मुद्दे को कई बार उठाया था. इसके बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और ट्रैफिक पुलिस ने संयुक्त निरीक्षण किया. 25 मार्च को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई-लेवल मीटिंग के बाद इस पर सहमति बनी कि फ्लाईओवर सबसे उपयुक्त समाधान होगा.
आपातकालीन सेवाओं की पहुंच में भी सुधार
इस फ्लाईओवर के निर्माण से सिग्नल चक्र का समय घटेगा, ट्रैफिक की रफ्तार बढ़ेगी और आईटीओ, सिविल लाइंस ट्रॉमा सेंटर जैसे अहम क्षेत्रों में पहुंच आसान होगी. इससे न सिर्फ वाहनों, बल्कि पैदल यात्रियों की सुरक्षा भी बढ़ेगी.
फुटपाथ और यू-टर्न की भी होगी व्यवस्था
इस परियोजना में फ्लाईओवर के नीचे बैक-टू-बैक यू-टर्न और फुटपाथ का निर्माण भी किया जाएगा. इससे हिमाचल और पंजाब की ओर जाने वाले इंटरस्टेट यातायात को भी सुव्यवस्थित किया जा सकेगा. पीडब्ल्यूडी का यह प्रयास नॉर्थ दिल्ली में यातायात को सुचारू बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.