दिल्ली में डेंगू के मामले बढ़े, एक हफ्ते में 272 संक्रमित

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामलों में अचानक उछाल दर्ज किया गया था जब पिछले सप्ताह के दौरान 272 नए मामले सामने आए थे। इस साल जहां डेंगू के 3,595 मामले सामने आए हैं, वहीं इस साल डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई है। इस साल अब तक मलेरिया के 236 मामले सामने आ चुके हैं और पिछले सप्ताह के दौरान छह मामले सामने आए हैं। पिछले सप्ताह के दौरान चिकनगुनिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है, हालांकि इस साल अब तक चिकनगुनिया के 44 मामले सामने आ चुके हैं।

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05 December 2022, 09:01 PM IST

रिपोर्ट। मुस्कान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामलों में अचानक उछाल दर्ज किया गया था जब पिछले सप्ताह के दौरान 272 नए मामले सामने आए थे। इस साल जहां डेंगू के 3,595 मामले सामने आए हैं, वहीं इस साल डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई है। इस साल अब तक मलेरिया के 236 मामले सामने आ चुके हैं और पिछले सप्ताह के दौरान छह मामले सामने आए हैं। पिछले सप्ताह के दौरान चिकनगुनिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है, हालांकि इस साल अब तक चिकनगुनिया के 44 मामले सामने आ चुके हैं।

इससे पहले 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य बुखार से निपटने के लिए अस्पताल में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम को 24 घंटे तैयार रहने के निर्देश दिए थे। उन्होंने निर्देश दिया कि अस्पताल से ही ओपीडी और भर्ती रोगियों को दवाएं उपलब्ध कराई जाएं और अधिकारी समय-समय पर मुख्य दवा दुकानों में स्टॉक की जांच करते रहें। 

एक सरकारी बयान के अनुसार, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने राज्य भर के सीएमओ और मुख्यमंत्रियों को मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल की दवाएं मरीजों को मुहैया कराई जाएं। इसके लिए अस्पताल में बुखार के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था करें। डॉक्टर मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध दवाएं लिखते हैं। यूपी के डिप्टी सीएम ने मेडिकल टीमों को दिल, शुगर और ब्लड प्रेशर के लिए दवाओं के स्टॉक पर ध्यान देने को भी कहा, ताकि आपात स्थिति में दवाओं की कमी न हो।

बृजेश पाठकने बताया कि यूपी चिकित्सा आपूर्ति निगम सभी अस्पतालों को उनकी जरूरत के हिसाब से दवा उपलब्ध करा रहा है। साथ ही निगम को अस्पताल की जरूरत के हिसाब से चार से छह महीने के लिए दवाओं का स्टॉक उपलब्ध कराने को कहा है।

यूपी के डिप्टी सीएम ने दवाओं को एक्सपायर होने से बचाने की भी हिदायत देते हुए कहा कि दवाओं की एक्सपायरी डेट एक से दो साल होनी चाहिए। जिससे एक्सपायरी नजदीक होने से दवाओं के खराब होने का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं, जिन अस्पतालों में दवाओं की एक्सपायरी डेट नजदीक है, वे दवाओं को खराब होने से बचाने के लिए दूसरे अस्पतालों में दवाएं भेज सकते हैं।

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05 December 2022, 09:01 PM IST

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