Karnataka Dengue Cases: कर्नाटक में डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोतरी् देखने को मिल रही है. तेजी से बढ़ते मामलों के चलते सिद्दरमैया सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है और उसने डेंगू को 'महामारी रोग' घोषित कर दिया है. कर्नाटक में डेंगू से कई लोग ग्रसित हैं. इसको लेकर सरकार भी अलर्ट हो गई है. इसी के साथ सरकार ने अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं.
कार्नाटक सरकार ने आदेश दिया है कि उन लोगों को दंडित किया जाए जो नियमों का पालन नहीं करते हैं. जो लोग मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए उपाय करने में विफल रहते हैं, उनपर भी कार्रवाई होगी. तो आइए जानते हैं इसको लेकर क्या कानून बनाएं गए हैं.
सरकार ने कर्नाटक महामारी रोग विनियमन 2020 में संशोधन भी पेश किए हैं, जिसमें लोगों को वेक्टर जनित रोग के प्रसार को रोकने में अधिक जिम्मेदार होने का आदेश दिया गया है. संशोधन में तीन श्रेणियों - घरेलू, वाणिज्यिक और सक्रिय निर्माण क्षेत्रों में दंड का प्रस्ताव है. ऐसे में अगर नियम नहीं माना जाता है तो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के घरों के लिए सरकार ने जुर्माना 400 रुपये और 200 रुपये होगा.
वाणिज्यिक कामों के लिए शहरी क्षेत्रों में जुर्माना 1,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 500 रुपये होगा. मच्छरों के प्रजनन के लिए जगह उपलब्ध कराने वाले सक्रिय निर्माण क्षेत्रों के मालिकों पर शहरी इलाकों में 2,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
अधिनियम 2009, राज्य नियम 2011 एवं निजी शिक्षण संस्था नियम, 1993 के अनुसार राज्य में अब कोई भी निजी विद्यालय बिना मान्यता के संचालित नहीं होगा. यदि पूर्व से कोई विद्यालय बिना मान्यता के चल रहा है तो उसे भी अब मान्यता लेनी होगी. हर साल राज्य सरकार निजी शिक्षण संस्थाओं के लिए मान्यता का कार्यक्रम प्रसारित करती है.
नियमों के अनुसार घरेलू इमारतों के मालिकों और अधिभोगियों के लिए मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करना अनिवार्य है. अधिसूचना के अनुसार, लोगों को मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए पानी के भंडारण कंटेनरों, नाबदानों या ओवरहेड टैंकों को ढक्कन या किसी अन्य सामग्री से ढंकना या सुरक्षित करना सुनिश्चित करना चाहिए.