Maharashtra News: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बीते दिन बुधवार को डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाया है. देशमुख ने कहा कि फडणवीस ने तीन साल पहले उन पर दबाव बनाया था कि वह महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के प्रमुख पदाधिकारियों के खिलाफ झूठा हलफनामा दाखिल करे. इसके पीछे फडणवीस का उद्देश्य एमवीए सरकार को गिराना था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनसीपी (शरद पवार) के सीनियर नेता देशमुख ने कहा कि मुझे बदले में ईडी और सीबीआई जांच से मुक्ति दिलाने का वादा किया गया था. यह प्रस्ताव फडणवीस के एक आदमी की तरफ से आया था मैंने व्यक्तिगत रूप से उनसे फोन पर बात की थी. इस दौरान उसने कहा था कि सही समय आने पर पूरी जानकारी का खुलासा करेंगे.
इस दौरान देशमुख ने आगे कहा कि फडणवीस के सहयोगी ने मुझसे कई बार मुलाकात की. उसने हमारे बीच फोन पर बातचीत कारवाई. एक बार, फडणवीस ने मुझसे कहा कि वे समीक्षा के लिए दस्तावेज भेज रहे हैं. मुझे बताया गया कि अगर अजित पवार पर आरोप लगाना संभव नहीं है, तो मुझे ठाकरे और अनिल परब (शिवसेना यूबीटी) के खिलाफ बोलना चाहिए.
देशमुख ने अपने आरोपों को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह से जुड़े विवाद से जोड़ा, जिन्होंने पूर्व मंत्री पर 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली योजना का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि फडणवीस ने उनके खिलाफ सिंह के आरोपों की साजिश रची थी.
इस बीच अपने ऊपर लगे आरोपों का फडणवीस न खंडन करते हुए कहा कि देशमुख की अपनी पार्टी के सदस्यों के पास उनके खिलाफ आपत्तिजनक ऑडियो-विजुअल सबूत हैं. उन्होंने कहा, 'अगर मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाए जाते रहे, तो मेरे पास इस सबूत को सार्वजनिक करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.'