प्रयासों के बाद भी भारत में सड़क दुर्घटनाओं में अपेक्षित कमी नहीं आयी
गडकरी नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) राज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अफसोस जताया कि विभिन्न उपायों के बाद भी भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में अपेक्षित कमी नहीं आयी है और अब भी ऐसे हादसों में बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हो रही है
गडकरी नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) राज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अफसोस जताया कि विभिन्न उपायों के बाद भी भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में अपेक्षित कमी नहीं आयी है और अब भी ऐसे हादसों में बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हो रही है। गडकरी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि युद्ध और कोविड महामारी के आंकड़ों से तुलना करें तो सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने इसे दुखद बताया और कहा कि इस मामले में भारत का रिकार्ड विश्व के कई देशों की अपेक्षा खराब है। उन्होंने कहा कि मृतकों में भी बड़ी संख्या युवाओं की होती है।
उन्होंने कहा कि इस समस्या पर नियंत्रण के लिए काफी काम करने की जरूरत है और इसमें सभी को सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में पहले ड्राइविंग लाइसेंस आसानी से बन जाता था जबकि कई देशों में विभिन्न परीक्षणों के बाद ही लाइसेंस जारी होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है और इसमें डिजिटल सहित कई उपाय किए गए हैं। डीजल व पेट्रोल से चलने वाले वाहनों पर अधिक खर्च आने का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि आने वाले समय में वाहनों से जुड़ा परिदृश्य बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन साल में डीजल व पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की संख्या में खासी कमी आएगी और इलेक्ट्रिक सहित विभिन्न वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों पर आने वाले खर्च को देखते हुए लोग स्वाभाविक रूप से ऐसे वाहनों का पसंद करेंगे। उन्होंने वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि अगले पांच साल में पूरा परिदृश्य बदल जाएगा। गडकरी ने कहा कि इससे एक ओर लोगों को ईंधन पर होने वाले भारी खर्च से राहत मिलेगी वहीं कच्चे तेल के आयात पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी। यूरोप व अन्य देशों में गैर-पारंपरिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों पर जोर दिए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका पर्यावरण पर भी अच्छा असर होगा और विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से भी निजात मिल सकेगी। उन्होंने भारतीय इंजीनियरों की सराहना करते हुए कहा कि वे काफी प्रतिभाशाली हैं और उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों व इससे संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम किया है।