Vadhavan Port: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को अपनी दूसरी बैठक में महाराष्ट्र में 76,220 करोड़ रुपये की वधावन बंदरगाह परियोजना को मंजूरी दे दी है. यह निर्णय कई महीनों की चर्चा के बाद लिया गया है.
यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी बंदरगाह परियोजनाओं में से एक होगी और इसे भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा.
महाराष्ट्र में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए नए प्रोजेक्ट्स से राज्य की तस्वीर बदलने की उम्मीद है. इन प्रोजेक्ट्स में प्रमुख है वधावन पोर्ट का विकास, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है.
वधावन टॉप 10 बंदरगाहों में होगा शामिल
कैबिनेट ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वधावन बंदरगाह परियोजना विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ विकसित की जाएगी जो PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) को बढ़ावा देगी. ये सुविधाएं आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए बड़े मेगाशिप्स को संभालने में सक्षम होंगी. परियोजना पूरी होने पर वधावन बंदरगाह दुनिया के टॉप 10 बंदरगाहों में शामिल होगा.
समुदायों के लिए बनी वधावन
इस परियोजना के लिए सरकार 38,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जबकि निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों से लगभग इतनी ही राशि मांगी जाएगी. परियोजना की कुल लागत अब 11,000 करोड़ रुपये है, जो पहले अनुमोदन से अधिक है. वहीं बता दे कि पहले परियोजना में पर्यावरणीय समस्याओं के कारण देरी हुई थी. केंद्र ने स्थानीय समुदायों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए नई पहल की योजना बनाई है.
वधावन से व्यापार में होगा लाभ
वधावन पोर्ट महाराष्ट्र के डहाणू तालुका में स्थित है और एक नया और आधुनिक समुद्री बंदरगाह होगा. इसके विकास से न केवल समुद्री व्यापार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में भी बहुत सुधार होगा. यह पोर्ट बड़ी मात्रा में माल को आसानी से लाने-ले जाने की सुविधा प्रदान करेगा जिससे व्यापार और उद्योग को नई दिशा मिलेगी.
किसानों को मिलेगा फायदा
इस पोर्ट के विकास से स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. कृषि और अन्य ग्रामीण उत्पादों की सही तरीके से मार्केटिंग संभव होगी, जिससे किसानों और छोटे उद्यमियों को लाभ होगा. इसके अलावा नई सड़कें और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं भी शुरू की जाएंगी जो स्थानीय परिवहन और कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएंगी.
केंद्र सरकार की इस पहल से न केवल व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी बल्कि महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक समृद्धि भी देखने को मिलेगी. इससे राज्य में निवेश का माहौल भी बनेगा और इससे जुड़े उद्योगों की वृद्धि होगी. First Updated : Wednesday, 04 September 2024