नोएडा में विकास को मिलेगी रफ्तार, जनपद में दौड़ेंगी 500 ई-बसें, नए साल में सफर होगा आसान
Noida e-buses: गौतमबुद्धनगर में नए साल की शुरुआत विकास की दिशा में हो रही है, जिसमें जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के निर्माण के साथ-साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 500 वातानुकूलित ई-बसों का संचालन होगा. नोएडा प्राधिकरण की बैठक में 25 रूटों को मंजूरी दी गई, जिससे मेट्रो और सेक्टर कनेक्टिविटी बेहतर होगी. इन फैसलों से शहर में परिवहन, औद्योगिक विकास और आवागमन की सुविधाएं बढ़ेंगी, जिससे जनपद को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिलेगी.
Noida e-buses: गौतमबुद्ध नगर में नए साल की शुरुआत विकास की रफ्तार के साथ हो रही है. जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी की तैयारियों के बीच, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 500 वातानुकूलित ई-बसों का संचालन किया जाएगा. नए साल में नोएडा प्राधिकरण के इन फैसलों से शहर में बेहतर परिवहन, औद्योगिक विकास और सुविधाजनक आवागमन सुनिश्चित होगा. ई-बसों के संचालन और औद्योगिक विस्तार की योजनाएं जनपद को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगी.
नोएडा प्राधिकरण की 216वीं बोर्ड बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगी. मुख्य सचिव और प्राधिकरण अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 25 रूटों को भी फाइनल किया गया. इन रूटों से मेट्रो और सेक्टर कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आवागमन सुविधाजनक बनेगा.
जनपद में बेहतर आवागमन
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में कुल 500 ई-बसों का संचालन किया जाएगा. इनमें से 300 बसें नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में, 100 बसें ग्रेटर नोएडा और 100 यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में चलेंगी. बोर्ड बैठक में बताया गया कि रूट निर्धारण में मेट्रो स्टेशन और प्रमुख सेक्टर्स के बीच बेहतर कनेक्टिविटी पर ध्यान दिया गया है. इससे जनपद के किसी भी कोने से एयरपोर्ट और फिल्म सिटी तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा.
औद्योगिक विस्तार को मिलेगी नई ऊर्जा
बैठक में औद्योगिक भूखंडों की नई योजना लाने पर भी सहमति बनी. शासनादेश संख्या-7318/77-4-24-76 के तहत भूखंड आवंटन योजना को जल्द लागू किया जाएगा. इससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी. साथ ही, यूनिफाइड पॉलिसी लागू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे भूखंडों के आबंटन, निरस्तीकरण और कब्जे जैसी प्रक्रियाएं और सरल हो सकेंगी.
भुगतान के लिए मिलेगा अंतिम मौका
औद्योगिक और संस्थागत भूखंडों के लंबित भुगतान के लिए एक अंतिम अवसर प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया है. ओसी/सीसी प्रमाण पत्र न मिल पाने वाले मामलों को निपटाने के लिए शासन को संदर्भित किया जाएगा. वहीं, आवासीय भूखंडों और फ्लैटों में मल्टीपल जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी की समस्याओं को हल करने के लिए एक विशेष व्यवस्था तैयार की जाएगी.