बढ़ रहे है Digital Arrest के केस.... 11 दिन में 2.27 करोड़ का साइबर स्कैम!'
रांची में एक रिटायर्ड कोल इंडिया ऑफिसर ठगों के जाल में फंस गए और 11 दिनों तक चलते साइबर स्कैम में अपनी जिंदगी की जमापूंजी गंवा बैठे। सरकारी अधिकारियों के नाम पर ठगी करने वाले इस गिरोह ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और गिरफ्तारी का डर दिखाकर 2.27 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवाए। जानिए कैसे यह ठगी हुई और कैसे आप ऐसे स्कैम से बच सकते हैं!
Digital Arrest: झारखंड के रांची में एक रिटायर्ड कोल इंडिया अधिकारी 11 दिनों तक एक बड़े साइबर स्कैम का शिकार हुए, जिसमें उन्होंने 2.27 करोड़ रुपये गंवा दिए। स्कैमर्स ने सरकारी अधिकारियों का नाम लेकर और मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर उनसे पैसे ऐंठे.
10 दिसंबर 2024 को रिटायर्ड अधिकारी को एक फोन कॉल आया। कॉलर ने खुद को दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी अभिराज शुक्ला बताया और आरोप लगाया कि उनके नंबर से अवैध गतिविधियां हो रही हैं। कॉलर ने कहा कि उनके डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके सिम कार्ड लिया गया है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का शक है।
इसके बाद, एक महिला ने खुद को दिल्ली साइबर ब्रांच की अधिकारी पूनम गुप्ता बताकर उनसे संपर्क किया। उसने व्यक्ति को वीडियो कॉल पर पहचान साबित करने और निर्दोष साबित होने के लिए निर्देशों का पालन करने को कहा।
धमकियों और दबाव का खेल
अगले 11 दिनों तक स्कैमर्स ने व्यक्ति को लगातार फोन और वीडियो कॉल के जरिए डराया और दबाव बनाया। उन्होंने एक फर्जी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तक से बात कराई। यह सब दिखाने के लिए कि वे उनकी मदद कर रहे हैं, लेकिन असलियत में उनका मकसद पैसा ऐंठना था। स्कैमर्स ने व्यक्ति को आठ अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। अधिकारी ने अपने और अपनी पत्नी के अकाउंट से कुल 2.27 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।
जब हुआ स्कैम का अहसास
पैसे ट्रांसफर होते ही स्कैमर्स ने सभी संपर्क खत्म कर दिए और उनके फोन नंबर ब्लॉक कर दिए। जब अधिकारी को इस धोखाधड़ी का अहसास हुआ, तो उन्होंने रांची के CID साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि स्कैम में इस्तेमाल हुए बैंक अकाउंट महाराष्ट्र से जुड़े हुए हैं। CID की टीम अब गिरोह को पकड़ने और चोरी हुई रकम वापस लाने के लिए सक्रिय हो गई है।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते खतरों की ओर इशारा करती है। सरकारी अधिकारियों या साइबर पुलिस के नाम पर आने वाली कॉल्स पर सतर्क रहें। किसी भी जानकारी को साझा करने या पैसे ट्रांसफर करने से पहले अधिकारियों से पुष्टि करें। साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता ही आपका सबसे बड़ा हथियार है।