बंटेंगे तो कटेंगे: बीजेपी के 'शक्तिशाली' नारे ने पलट दिए महाराष्ट्र चुनाव के समीकरण!

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिल रही बड़ी सफलता के पीछे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारा साबित हो रहा है. इस नारे ने राज्य में जबरदस्त पोलराइजेशन पैदा किया और भाजपा को बढ़त दिलवाने में मदद की. रुझान ये दिखा रहे हैं कि महाविकास अघाड़ी के मुकाबले भाजपा को ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. भाजपा की मास्टर प्लानिंग, लड़की-बहिन योजना और योगी की सक्रियता ने भी असर डाला. जानिए इस सियासी बदलाव के पीछे क्या है पूरी कहानी और कैसे योगी का नारा महाराष्ट्र की राजनीति को हिला सकता है!

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Edited By: Aprajita

Maharastra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे अब तक भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पक्ष में दिख रहे हैं. महाविकास अघाड़ी गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार शामिल हैं, पीछे पड़ते हुए नजर आ रहे हैं. इस पूरी सियासी जंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिया हुआ नारा "बंटेंगे तो कटेंगे" बेहद असरदार साबित हुआ है. माना जा रहा है कि इस नारे ने वोटरों के बीच जबरदस्त पोलराइजेशन किया, जिससे भाजपा को भारी समर्थन मिला.

योगी का नारा और भाजपा की बढ़त

योगी आदित्यनाथ ने कई रैलियों में इस नारे को जोर-शोर से प्रचारित किया और न केवल उन्होंने, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक अलग अंदाज में इस संदेश को दिया. मोदी ने कहा था, "एक हैं तो सेफ हैं", जो सीधे तौर पर इस नारे का विस्तार था. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसी नारे की वजह से भाजपा को महाराष्ट्र में उम्मीद से कहीं अधिक बढ़त मिल रही है.

भाजपा का गठबंधन और महाविकास अघाड़ी की हार

महाराष्ट्र के चुनाव रुझानों में भाजपा की लहर साफ नजर आ रही है. विदर्भ, मुंबई और पश्चिम महाराष्ट्र जैसे अहम इलाकों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने बढ़त बनाई है. यह परिणाम महाविकास अघाड़ी के लिए बड़ा झटका है, जो पहले चुनावी सर्वेक्षणों में आगे दिख रहे थे. महाविकास अघाड़ी ने पहले आरक्षण और संविधान परिवर्तन के मुद्दों पर जोर दिया था, लेकिन लगता है कि इसका फायदा उन्हें नहीं मिला.

क्या था भाजपा का मास्टर प्लान?

भा.ज.पा. ने इस चुनाव के लिए बहुत सोच-समझ कर रणनीति बनाई थी. पार्टी ने कई जातियों को ओबीसी की सूची में शामिल किया और टिकटों का बंटवारा भी इस हिसाब से किया. खास बात यह है कि भाजपा ने चुनाव से पहले लड़की-बहिन योजना की शुरुआत की, जिसका असर भी साफ देखा जा रहा है. इस योजना के तहत, खासकर महिला वोटर्स में पार्टी को समर्थन मिला है.

देवेंद्र फडणवीस का दावा:

पूर्व मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पहले ही दावा किया था कि राज्य में बढ़ा हुआ वोट प्रतिशत भाजपा के पक्ष में जाएगा. उनका कहना था, 'इतिहास बताता है कि जब भी वोट प्रतिशत बढ़ा है, तो भाजपा को ही फायदा हुआ है'. यही नहीं, फडणवीस ने लड़की-बहिन योजना का भी जिक्र करते हुए कहा था कि इसका असर देखने को मिलेगा.

योगी आदित्यनाथ की सक्रियता का असर

महाराष्ट्र में इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत सक्रियता दिखाई. उन्होंने उन इलाकों में कई रैलियाँ कीं, जहां यूपी और बिहार से आए हुए लोग ज्यादा संख्या में रहते हैं. यही वोटर्स भाजपा के लिए अहम साबित हो रहे हैं. योगी के इस कद बढ़ने के कारण भी भाजपा को बड़ा फायदा हुआ.

आखिरकार क्या होगा महाराष्ट्र का राजनीतिक भविष्य?

अब तक के रुझानों को देखते हुए कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र में भाजपा की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन को सत्ता में वापसी मिल सकती है. हालांकि, कुछ समय पहले तक महाविकास अघाड़ी के पक्ष में जो हवा थी, वह अब भाजपा के पक्ष में बदलती दिख रही है. भाजपा की जीत के पीछे एक बड़ा कारण पार्टी द्वारा अपनाए गए नारे, योजनाओं और राजनीतिक रणनीतियों का असर माना जा रहा है. महाराष्ट्र चुनाव का ये नतीजा न केवल राज्य की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कद को भी और बड़ा कर देगा.

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23 November 2024, 11:25 AM IST

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