विफलता से हारे ना हिम्मत, सफलता जरूर मिलेगीः दीक्षा
विफलता से हारे ना हिम्मत। इसके आगे निलकर कड़ी मेहनत करने वालों को सफलता जरूर मिलती है।
लेखक: आशुतोष मिश्र
नोएडाः विफलता से हारे ना हिम्मत। इसके आगे निकलकर कड़ी मेहनत करने वालों को सफलता जरूर मिलती है। यह कहना है संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आईएएस 2021 की परीक्षा में 19 वीं रैंक हासिल करने वाली दीक्षा जोशी का। दीक्षा को यह कामयाबी अपने तीसरे प्रयास में मिली। खास बात यह है कि पहले दो प्रयास में वह परीक्षा का पहला चरण यानि प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं कर पायी थी लेकिन असफलता को उन्होंने जीवन का पड़ाव माना और अपने आप पर विश्वास रखा। तीसरे प्रयास में न सिर्फ प्रारंभिक परीक्षा पास की बल्कि उन्होंने 19 वीं रैंक हासिल कर मां बाप का नाम रोशन किया।
जनभावना टाइम्स के साथ खास बातचीत में दीक्षा अपनी सफलता के बारे में विस्तार से बात की। कड़ी मेहनत को मूल मंत्र बताने वाली दीक्षा का कहना है कि यह परीक्षा काफी लंबी चलती है इसलिए इसकी तैयारी के लिए विशेष प्लानिंग की जरूरत होती है। पढ़़ाई के साथ साथ अपने मनोबल को बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने बताया कि पहले दो प्रयास में असफल होने के बाद उनका मनोबल गिरा था। बावजूद इसके दोस्तों और मां बाप ने उसका मनोबल बनाए रखा।
दिनचर्या के बारे में पूछे गए प्रश्न के बार में उन्होंने बताया कि दिन में सात से आठ घंटे की नियमित पढ़ाई परीक्षा की तैयारी के लिए काफी है। लेकिन इसके लिए 24 घंटे का समय हमें मिलता है। इसी बीच हमें पढ़ाई के साथ अन्य दिनचर्या निपटानी होती है। सुबह वह सात से आठ बजे पढ़ाई शुरू करती थी। 11 बजे के बाद लंच ब्रेक होता था। शाम को ईवनिंग वाक और खाने के बाद दोबारा तीन से चार घंटे की पढ़ाई करती थी।
मेधावी छात्रा ने अपने शौक के बारे में बताया कि उनकी पढ़ाई के साथ नाॅवेल पढ़ना, हिंदी फिल्मों के संगीत सुनना और पेंटिंग बनाना उनकी पसंद है। उन्होंने बताया कि आईएएस जैसी परीक्षा का कार्यक्रम काफी लंबा होता है। एक साल की तैयारी के अलावा परीक्षा के पहले चरण से लेकर अंतिम चरण तक एक साल का समय लग जाता है। इस तरह दो साल के लगातार परिश्रम के बाद परिणाम मिलता है। ऐसे में छोटी सी चूक हमें मंजिल से दूर कर सकती है।
उन्होंने बताया कि उनकी इस सफलता में उनके अध्यापक अनुपम सर और मां-बाप का विशेष योगदान रहा। इन लोगों के अलावा दोस्तों ने असफलता के दिनों में उन्हें काफी प्रोत्साहित किया। परीक्षा की तैयारी के बीच हमें लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए। सोशल मीडिया, अनावश्यक दोस्तों और बातों में अपना समय नहीं व्यर्थ करना चाहिए।