दुष्यंत चौटाला का बड़ा राजनीतिक खुलासा: 'बीजेपी के साथ रहना मेरी सबसे बड़ी गलती'
Haryana Election 2024: दुष्यंत चौटाला ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ रहना उनकी सबसे बड़ी गलती थी. हरियाणा में सरकार बनाने के अनुभव का जिक्र करते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि किसान आंदोलन के दौरान उनकी भूमिका को गलत तरीके से पेश किया गया. उनकी ये बातें आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव के सियासी माहौल को गर्म कर सकती हैं.
Dushyant Cyhautala Big Statement: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते ही राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. सियासी दिग्गज एक-दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं. इस बीच हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी के साथ खड़े रहना उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती थी.
दुष्यंत चौटाला ने यह भी बताया कि उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर हरियाणा में सरकार बनाई थी और इस दौरान कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. उन्होंने कहा, 'राजनीति में विचार धाराएं जुड़ती हैं और जब ये जुड़ती हैं, तो बदलाव भी आता है. हमने हरियाणा में निवेश लाने का काम किया है और राज्य में परिवर्तन लाने की कोशिश की है.'
किसान आंदोलन का जिक्र
किसान आंदोलन के संदर्भ में दुष्यंत ने स्पष्ट किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था. उन्होंने कहा, 'हमने कहा था कि यदि एमएसपी पर आंच आएगी, तो हम सरकार छोड़ देंगे.' लेकिन चुनावों के नजदीक आते ही दुष्यंत ने अपनी स्थिति को और स्पष्ट किया.
गलती स्वीकार करने की बात
दुष्यंत चौटाला ने कहा, 'किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी के साथ खड़े रहना मेरे लिए सबसे बड़ी गलती थी. अगर मैं आज यह स्वीकार करता हूं तो हरियाणा की जनता मेरा साथ भी देगी.' उनका यह बयान स्पष्ट रूप से उनकी सियासी सोच और अपने कार्यकाल के अनुभव को दर्शाता है.
वादों का महत्व
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनके ऊपर ऐसा माहौल बना दिया गया जैसे किसान आंदोलन का सबसे बड़ा विलन वो खुद हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने न वोट डाला, न मेरी पार्टी का कोई सदस्य लोकसभा में था, लेकिन फिर भी यह दिखाया गया कि अगर मैं इस्तीफा दे देता तो सरकार गिर जाती.'
क्या दुष्यंत को मिलेगा जनता का समर्थन?
दुष्यंत चौटाला का यह बयान हरियाणा की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकता है. उनकी इस स्वीकार्यता से यह स्पष्ट होता है कि वह आगामी चुनाव में जनता का समर्थन हासिल करने के लिए सच बोलने से पीछे नहीं हट रहे. क्या उनकी यह बयानबाजी हरियाणा की जनता को प्रभावित करेगी? यह देखना दिलचस्प होगा. चुनाव नजदीक हैं और दुष्यंत की यह स्पष्टता उनके राजनीतिक भविष्य को नया मोड़ दे सकती है.