नीदरलैंड की कंपनी उत्तर प्रदेश में लगाएगी डेयरी प्लांट
उत्तर प्रदेश, जो की भारत में सबसे ज़्यादा दूध के उत्पादन की श्रेणी में आता है, अब प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) से पहले डेयरी क्षेत्र में निवेश लक्ष्य को 200% तक पार कर लिया है, यहां तक कि एक डच कंपनी ने डेयरी प्लांट स्थापित करने में अपनी रुचि व्यक्त की है
उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर एक लम्बी छलांग लगाने के लिए तैयार हो गया है। उत्तर प्रदेश, जो की भारत में सबसे ज़्यादा दूध के उत्पादन की श्रेणी में आता है, अब प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) से पहले डेयरी क्षेत्र में निवेश लक्ष्य को 200% तक पार कर लिया है, यहां तक कि एक डच कंपनी ने डेयरी प्लांट स्थापित करने में अपनी रुचि व्यक्त की है, प्रदेश के एक सरकारी अधिकार ने यह खबर दी है। इस कंपनी का नाम एके फ़ूड इंटरनेशनल बताया जा रहा है।
दुग्ध विकास आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने कहा, “यूपी जीआईएस (UP GIS) से पहले भी, विभाग ने अब तक 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के लगभग 750 एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि विभाग को लगभग 27,000 करोड़ रुपये के 900 निवेश के इरादे प्राप्त हुए हैं।” दूग्ध विकास आयुक्त के अनुसार, डायनेमिक एनर्जी सॉल्यूशन (Dynamic Energy Solutions) के संजीव कुमार सिंह ने दूध प्रसंस्करण संयंत्र ने इसकी स्थापना करने के लिए 500 करोड़ रुपये दिए हैं, एएसजेएस गुजराल प्राइवेट लिमिटेड (ASJS Gujral Private Limited) के एजेंट अजकोट सिंह ने ₹450 करोड़ प्रदान किए हैं, महालक्ष्मी इलेक्ट्रिकल (Mahalaxmi Electrical) के अनुज तोमर ने ₹300 करोड़ प्रदान किए हैं और महान मिल्क फूड्स लिमिटेड (Mahan Milk Foods Limited) के संजीव गोयल ने ₹250 करोड़ के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके अलावा, न्यू माया दुग्ध डेयरी (New Maya Dughdh Dairy) और आटा मिल (Atta Mill) के चंद्र भूषण यादव ने 165 करोड़ रुपये और महाकालेश्वर एंटरप्राइजेज (Mahakaleshwar Enterprises) के कार्तिकेय दीक्षित ने पशु चारा संयंत्र स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का निवेश करने पर सहमति व्यक्त की है। बता दें कि, लगभग 400 से अधिक उद्यमियों ने दुग्ध उत्पादन में निवेश करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।