कांग्रेस में भूचाल: सुलभा खोडके को निकाला, क्या बनाएंगी नई पारी

Maharastra: महाराष्ट्र कांग्रेस ने अमरावती विधायक सुलभा खोडके को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते छह साल के लिए निकाल दिया है. यह कदम चुनाव की आसन्न घोषणा के बीच उठाया गया है. खोडके का नाम हाल ही में क्रॉस वोटिंग के विवाद में आया था, जिसने विपक्षी उम्मीदवार की हार में अहम भूमिका निभाई. अब चर्चा है कि वे एनसीपी में शामिल हो सकती हैं. इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में एक नया तड़का लगा दिया है.

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Sulabha Khodke Removed: महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जब कांग्रेस ने अमरावती से विधायक सुलभा खोडके को पार्टी से निकालने का निर्णय लिया है. यह कदम पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उठाया गया है, खासकर ऐसे समय में जब राज्य में चुनाव की घोषणा किसी भी समय हो सकती है. यह निर्णय कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले के बयान के बाद लिया गया है.

सुलभा खोडके, जो कि उन सात विधायकों में शामिल थीं, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में विधान परिषद चुनाव के दौरान 'क्रॉस वोटिंग' की थी. उन्होंने विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के संयुक्त उम्मीदवार जयंत पाटिल की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पार्टी की नजर में यह गतिविधि उनके लिए न केवल पार्टी की अनुशासनहीनता को दर्शाती है, बल्कि कांग्रेस के भीतर एक बड़ी चिंता का विषय भी बन गई है.

पार्टी के खिलाफ गतिविधियों की मिली थी शिकायतें

सूत्रों के अनुसार, सुलभा खोडके को लेकर पार्टी के खिलाफ काम करने की कई शिकायतें मिली थीं. पार्टी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला के निर्देश पर उन्हें निलंबित करने का निर्णय लिया गया. यह कदम चुनाव से पहले पार्टी की छवि को सुधारने की कोशिश भी है, जिससे कांग्रेस यह संदेश दे सके कि वह अपने सदस्यों की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी.

क्या खोडके अजित पवार गुट में जाएंगी?

इस घटनाक्रम के बीच, यह चर्चा भी हो रही है कि सुलभा खोडके का संबंध राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के करीबी सहयोगियों से है. ऐसी अटकलें हैं कि वे एनसीपी में शामिल हो सकती हैं, जो कि सत्ताधारी गठबंधन में एक नई हलचल का संकेत दे सकती है.

महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थितियां काफी गतिशील हैं और इस तरह के घटनाक्रम निश्चित रूप से चुनावी मैदान में असर डाल सकते हैं. कांग्रेस का यह निर्णय सिर्फ सुलभा खोडके के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है. इस प्रकार, कांग्रेस ने सुलभा खोडके को पार्टी से निकालकर अपने अनुशासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है. राजनीतिक गहमागहमी के बीच, सभी की नजरें अब इस बात पर हैं कि, क्या खोडके नए गठबंधन में शामिल होंगी और महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा किस ओर जाएगी. First Updated : Saturday, 12 October 2024