CM बनते ही बढ़ी मुश्किल, हेमंत सोरेन की जमानत के खिलाफ SC पहुंची ED
ED On Hemant Soren Bail: सोमवार को हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर फिर से शपथ ली. इस बीच ED ने उनकी जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हस्तक्षेप की मांग की गई है. इसमें दावा किया गया है कि HC ने महत्वपूर्ण पहलुओं की अनदेखी की है. सोरेन बतौर मुख्यमंत्री बाहर रहे तो मामले में असर हो सकता है.
ED On Hemant Soren Bail: विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में सियासी हलचल बनी हुई है. करीब 5 महीने जेल में रहने के बाद JMM नेता हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. बाहर आते ही उनको गठबंधन का नेता चुन लिया गया और वो फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. सोमवार को उन्होंने सोमवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास किया और मंत्रिमंडल का विस्तार किया. इसी के साथ उनकी मुश्किल बढ़ गए. उनकी जमानत के खिलाफ ED ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दिया है और मामले में हस्तक्षेप की मांग की है.
ईडी ने सोरेन की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए विशेष अनुमति याचिका (SLP) लगाई है. इसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट का आदेश गैर-कानूनी है. क्योंकि हेमंत सोरेन की जमानत PMLA एक्ट के प्रावधानों से इतर है.
चिंता में JMM नेता
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरने के फिर से मुख्यमंत्री बनने से काफी खुश थे. सभी को अगामी विधानसभा चुनाव के लिए होप नजर आ रही थी. इस बीच अगर SC एजेंसी की याचिका के पक्ष में फैसली देती है तो एक बार फिर से हेमंत को जेल जाना पड़ सकता है.
सोमवार को हुआ था विस्तार
रिहा होते ही हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन का इस्तीफा मांग लिया था और फिर से सीएम बन गए. सोमवार को उन्होंने विधानसभा में विश्वासमत भी हासिल किया था. उन्हें प्रदेश के 45 विधायकों का समर्थन मिला था. इसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था.
क्या है मामला?
बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन के मामले में ED ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया था. PMLA कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद वो हाइकोर्ट पहुंचे थे. 28 जून 2024 को कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. इसमें कहा गया कि हेमंत पीएमएलए की धारा-45 में निर्धारित दोनों शर्तों को पूरा करते हैं इस कारण उन्हें रिहाई मिल सकती है.