बिहार के भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर तारिणी दास के ठिकानों पर गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की, जिसमें भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ. तारिणी दास को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद नीतीश सरकार ने दो साल का सेवा विस्तार दिया था और रिटायरमेंट के केवल नौ दिन बाद उन्हें उसी पद पर फिर से नियुक्त कर दिया गया था. सूत्रों के अनुसार, तारिणी दास ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी ठेके पास करने के बदले ठेकेदारों से वसूली की. अब ईडी ने इस मामले में जांच तेज कर दी है.

अनिसाबाद में आवास पर छापेमारी

ईडी ने तारिणी दास के पटना स्थित अनिसाबाद में उनके आवास पर छापेमारी की. साथ ही अन्य सरकारी अधिकारियों के सात ठिकानों पर भी छापा मारा. यह कार्रवाई आईएएस अधिकारी संजीव हंस और उनके सहयोगियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है. केंद्रीय जांच एजेंसी सरकारी टेंडरों के प्रबंधन में शामिल अधिकारियों और ठेकेदारों की गतिविधियों की जांच कर रही है.

सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान ईडी को करोड़ों रुपये की नकदी बरामद हुई. इतनी बड़ी रकम को गिनने के लिए अधिकारियों को चार नोट गिनने की मशीनें लानी पड़ीं. एक अधिकारी ने बताया कि नोटों की गिनती करीब आठ घंटे तक चली, लेकिन पूरी रकम का पता अब तक नहीं चल पाया है.

भारी मात्रा में कैश छिपे होने की सूचना

ईडी को तारिणी दास के आधिकारिक और निजी आवास पर भारी मात्रा में कैश छिपे होने की सूचना मिली थी और जब छापेमारी की गई तो अधिकारी इस नकदी से हैरान रह गए. उनका कमरा नोटों से भरा हुआ था. यह मामला आईएएस अधिकारी संजीव हंस से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है, जिनको पांच महीने पहले मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. संजीव हंस पर आरोप है कि उन्होंने प्रमुख सरकारी पदों पर रहते हुए और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान काली कमाई की. ईडी ने पहले हंस के सहयोगियों के नाम पर अर्जित 23 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी.