Delhi: ईद के दिन दर्दनाक हादसा: 15 साल के लड़के ने कुचली दो साल की बच्ची, क्या नाबालिगों को गाड़ी चलाने से रोक पाएंगे हम?
दिल्ली के पहाड़गंज में ईद के दिन एक परिवार के लिए खुशियां मातम में बदल गईं. 15 साल के लड़के द्वारा चलाए गए एक कार ने 2 साल की बच्ची को कुचल दिया जो घर के बाहर खेल रही थी. इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाने से जुड़ी खतरनाक हकीकत को सामने ला दिया. क्या इस तरह के हादसे अब भी होने चाहिए? जानिए पूरी कहानी!

New Delhi: दिल्ली में एक परिवार के लिए ईद का जश्न उस समय दुखद मोड़ पर बदल गया जब उनकी दो साल की बेटी सड़क पर खेलते हुए एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई. घटना रविवार को पहाड़गंज इलाके में हुई, जब 15 वर्षीय एक लड़के ने अपनी कार से बच्ची को कुचल दिया. यह हादसा फिर से नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाने से जुड़े गंभीर सवालों को उठाता है जो अक्सर खतरनाक परिणामों का कारण बनते हैं.
गली में खेल रही बच्ची को कुचला
घटना उस समय हुई जब दो साल की बच्ची, अनाबिया अपने घर के बाहर गली में खेल रही थी. सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि हुंडई वेन्यू कार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी और ड्राइवर ने बच्ची से लगभग एक मीटर की दूरी पर गाड़ी रोक दी. इसके बाद, गाड़ी फिर से चल पड़ी और ड्राइवर को यह भी नहीं पता चला कि बच्ची उसके रास्ते में आ चुकी थी. कार आगे बढ़ने के साथ ही बच्ची के बाएं सामने के पहिए के नीचे कुचल गई. यह दृश्य काफी दर्दनाक था, क्योंकि आसपास खड़े लोग कार की ओर दौड़े और गाड़ी को पीछे किया. इसके बाद बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी दुखद मौत हो गई.
दिल्ली के नबी करीम इलाके में कल 2 वर्ष की मासूम बच्ची की कर से कुचलने से मौत हो गई अब इसका एक सीसीटीवी भी सामने आया है.#CCTVFootage #ViralVideos #DelhiCapitals @DelhiPolice pic.twitter.com/5BRuYNg3KX
— Anuj Tomar, Zee News (@THAKURANUJTOMAR) March 31, 2025
नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने का मामला
पुलिस ने बताया कि यह गाड़ी पीड़ित परिवार के पड़ोसी की थी और दुर्घटना के वक्त उसका बेटा गाड़ी चला रहा था. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और किशोर के पिता पंकज अग्रवाल को हिरासत में लिया है. लापरवाही से गाड़ी चलाने और लापरवाही से मौत का कारण बनने के आरोपों के तहत जांच शुरू की गई है.
नाबालिगों के वाहन चलाने पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर से नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाने से जुड़े कानूनों और उनके पालन पर गंभीर सवाल खड़े करती है. पिछले साल पुणे में भी एक ऐसा ही हादसा हुआ था, जब एक किशोर द्वारा चलाई जा रही पोर्श कार ने बाइक को टक्कर मार दी थी, जिससे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी. इस घटना ने देशभर में आक्रोश फैलाया था, लेकिन दिल्ली में हुए इस नए हादसे से साफ है कि नाबालिगों को गाड़ी चलाने से रोकने के मामले में परिवार और समाज की जिम्मेदारी पर सवाल उठते हैं.
परिवार का गहरा दुख
अनाबिया के परिवार के लिए यह हादसा न केवल शोक, बल्कि एक गंभीर चेतावनी भी बन गया है. ईद की खुशियों के बीच उनके घर में एक नन्ही जान की दर्दनाक मौत ने उनके दिलों को तोड़ दिया. अब सवाल उठता है कि क्या इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सरकार और समाज को कड़े कदम उठाने की जरूरत नहीं है? इस घटना ने यह साबित कर दिया कि नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह परिवारों के लिए भी गंभीर परिणाम ला सकता है.