साइबर ठगी में 50 लाख गंवाने के बाद बुजुर्ग दंपति ने किया सुसाइड, बोले- 'किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते'
Cyber Crime news: बेलगावी जिले के खानपुर तालुक में एक बुजुर्ग दंपति साइबर ठगी का शिकार हो गए, जिसमें उनकी जीवनभर की जमा-पूंजी लूट ली गई. ठगों द्वारा 50 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी और लगातार दबाव के कारण मानसिक तनाव में आए दंपति ने आत्महत्या कर ली. मरने से पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें लिखा था कि वे किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते.

Cyber Crime news: बेलगावी जिले के खानपुर तालुक में एक बुजुर्ग दंपति साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गए. ठगों ने उन्हें 50 लाख रुपये से अधिक की चपत लगाई, जिससे आर्थिक संकट और मानसिक तनाव के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली. मरने से पहले छोड़े गए सुसाइड नोट में दंपति ने लिखा कि वे किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते.
मृतकों की पहचान 82 वर्षीय डियोगजेरोन संतन नाजरेथ और उनकी 79 वर्षीय पत्नी फ्लावियाना के रूप में हुई है. दोनों की कोई संतान नहीं थी और वे अपनी जमा-पूंजी पर निर्भर थे. पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी के शिकार होने के बाद आरोपी लगातार उनसे और पैसे मांग रहे थे, जिससे मानसिक तनाव बढ़ता गया और अंततः उन्होंने यह कठोर कदम उठा लिया.
पड़ोसियों को घर में मिले शव
गुरुवार को पड़ोसियों ने फ्लावियाना को बिस्तर पर मृत पाया, जबकि डियोगजेरोन का शव उनके घर के भूमिगत पानी के टैंक में मिला. पुलिस के अनुसार, डियोगजेरोन ने खुद अपनी गर्दन पर चाकू घोंपकर आत्महत्या की थी, जबकि फ्लावियाना के जहर खाने की आशंका जताई जा रही है. इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी.
सुसाइड नोट से हुआ खुलासा
सुसाइड नोट में डियोगजेरोन ने दो लोगों- सुमित बिर्रा और अनिल यादव का नाम लिया है. उन्होंने बताया कि बिर्रा ने खुद को दूरसंचार विभाग का अधिकारी बताया और फोन पर उन्हें बताया कि उनके नाम पर एक सिम कार्ड खरीदा गया है, जिसका दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके बाद उसने कॉल अनिल यादव को ट्रांसफर कर दी, जिसने खुद को अपराध शाखा का अधिकारी बताया और कानूनी कार्रवाई की धमकी दी.
कैसे हुई 50 लाख की ठगी?
डियोगजेरोन ने आरोपियों के दबाव में आकर उन्हें 50 लाख रुपये से अधिक ट्रांसफर कर दिए. ठगों की मांग यहीं नहीं रुकी—वे लगातार और पैसों की मांग कर रहे थे. इसके चलते उन्होंने 7.15 लाख रुपये का स्वर्ण ऋण भी लिया, जिसका ब्याज 4 जून को चुकाना था.
सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि सोने को बेचकर ऋण चुकाने के बाद शेष राशि निर्दिष्ट व्यक्तियों को दी जाए. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने दोस्तों से पैसे उधार लिए थे, जिन्हें लौटाने के लिए उन्होंने अपनी पत्नी के गहने बेचने की बात लिखी थी.
"हम किसी की दया पर नहीं जी सकते"
सुसाइड नोट में डियोगजेरोन ने लिखा, "अब मैं 82 साल का हूं और मेरी पत्नी 79 की. हमारा कोई सहारा नहीं है. हम किसी की दया पर नहीं जीना चाहते, इसलिए हमने यह निर्णय लिया है." उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा व्यक्त करते हुए लिखा कि उनके शवों को किसी चिकित्सा संस्थान को दान कर दिया जाए ताकि उनका उपयोग छात्रों के अध्ययन में हो सके.
आरोपियों पर केस दर्ज
पुलिस ने जांच के दौरान मृतक का मोबाइल फोन, सुसाइड नोट और वारदात में इस्तेमाल चाकू जब्त कर लिया है. बेलगावी के पुलिस अधीक्षक भीमाशंकर गुलेड़ ने बताया कि सुसाइड नोट और प्रारंभिक जांच के आधार पर, उन्होने नामजद आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और साइबर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. मामले की जांच जारी है. पुलिस अब डिजिटल लेनदेन का रिकॉर्ड खंगाल रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है.