Reels अच्छे हैं! भटक कर दिल्ली पहुंची 95 साल की दादी, कुछ यूं हुई झांसी वापसी

UP News: भले ही रील का नशा होना आंखों और सेहत के लिए खतरनाक हो लेकिन इसका सही उपयोग बिछड़ों को मिलाने के काम भी आ सकता है. उत्तर प्रदेश के झांसी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक बुजुर्ग महिला को उसका घर और अपने लोग मिल गए. ये हो पाया एक भले इंसान के रील के कारण आइये जाने पूरी कहानी कि कैसे 90 साल की दादी भटकी और फिर अपने घर पहुंची

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Uttar Pradesh News: सोशल मीडिया के जमाने में Reels और शॉर्ट्स जमकर देखे जाते हैं. बहुत से लोगों का स्क्रीन टाइम इसी के कारण बढ़ रहा है और इसका खामियाजा सेहत को नुकसान के रूप में चुकाना पड़ता है. हालांकि, टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल किया जाए तो ये किसी बिछड़े को मिला सकती है. कुछ ऐसा ही उदाहरण आया है उत्तर प्रदेश के झांसी से जहां एक 90 साल की भटकी हुई बुजुर्ग के एक भले आदमी के रील के कारण घर पहुंचने में मदद मिल गए.

बताया जा रहा है कि सालासर बालाजी से दर्शन कर लौट रही बुजुर्ग लोहारू स्टेशन पर भटक गई थी. यहां उन्हें एक समाजसेवक ने देखा. उसने रील बनाकर उनके बारे में पता किया. उसके बाद जानकारी लेकर उन्हें दिल्ली से झांसी के लिए ट्रेन में बैठा दिया. इस तरह वीडियो वायरल होने पर महिला अपने घर पहुंच गई.

बिना बताए चली गईं थी बालाजी

झांसी के पुराने शहर की रहने वाली बुजुर्ग महिला परिजनों को बिना बताए सालासर बालाजी जा पहुंची थी. जब वो दर्शन का झांसी लौट रहीं थी तो गलत ट्रेन में सवार हो गईं और रास्ता भटक गईं. जब उन्हें कुछ समझ नहीं आया तो वो लोहारू स्टेशन उतर गईं. उनको इस बात का आइडिया नहीं था कि वो अब वापस झांसी कैसे पहुंचेंगी. इस बीच एक समाजसेवी ने उनको देख लिया.

बात करने पर बताया केवल झांसी

समाजसेवी ने महिला से बात करने की काफी कोशिश की लेकिन वो झांसी के अलावा कोई और शब्द नहीं बोल पा रही थी. ऐसे में उनसे एक रील बनाया और खासकर झांसी में वायरल करने की कोशिश की. उसने वीडियो को अन्य प्लेटफार्म पर भी डाला और लोगों से उनके परिजनों को मिलाने की अपील की.

वीडियो वायरल होने पर पहचान

वीडियो रेल अधिकारियों को मिला तो अपर मंडल रेल प्रबंधक परिचालन आरडी मौर्या ने संस्था जागृति से संपर्क किया और महिला के परिजनों को खोजने की कोशिश की. रविवार को महिला के परिवार के बारे में पता चल गया. इसके बाद समाज सेवी ने महिला को दिल्ली से झांसी के लिए ट्रेन में बैठा दिया. झांसी की संस्था ने उन्हें ट्रेन से उतारकर परिवार तक पहुंचा दिया.


 

First Updated : Wednesday, 24 July 2024