Jammu & Kashmir: अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद कारगिल में पहली बार इलेक्शन, आज होगी वोटिंग

द्रास के एक नागरिक ने कहा कि, बुधवार को होने वाली वोटिंग विकास से ज्यादा लोगों की पहचान के लिए होगा. इस शख्स ने 40 वर्षों तक सेना में कुली के रूप में काम किया है.

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Edited By: Sachin

हाइलाइट

  • कारगिल में चुनाव आज
  • बीजेपी दिखाएगी अपनी ताकत

Laddakh Election: जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के निष्प्रभावी होने के बाद पहली बार लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) की कारगिल विंग में चुनाव होने जा रहे हैं. यह इलेक्शन आगामी लोकसभा चुनाव के मूड का भी अंदाजा लगाएंगे. बता दें कि कारगिल को मुख्य रूप से बीजेपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. 

मतदान की तैयारी हुई पूरी 

चुनावी मौसम के बीच लद्दाख में आज वोटिंग होने जा रही है, यहां पर चुनाव आयोग ने मतदान की तैयारी पूरी कर ली है. अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद लद्दाख को भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. जिसके बाद आज पहली बार वहां पर इलेक्शन होने जा रहे हैं. कारगिल की लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद में 26 सीटों पर वोटिंग डाली जाएगी. लास्ट टाइम यानी 2018 में बीजेपी यहां पर मात्र एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी. हालांकि, धारा 370 हटने के बाद पीडीपी के दो उम्मीदवार बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसके बाद इनकी संख्या तीन हो गई थी. इसके अलावा, चार नामांकित सदस्यों को भी भाजपा का ही माना जाता है. 

नेशनल कांफ्रेंस पिछली बार 10 सीटें जीती थी 

जम्मू-कश्मीर पर महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी का लद्दाख क्षेत्र में खास प्रभाव नहीं है, इसलिए उसने थोड़ी दूरी बनाकर रखी है. वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के 10 और कांग्रेस 8 सदस्य हैं. बता दें कि कांग्रेस ने चुनाव से महीनों पहले नेशनल कांफ्रेंस से गठबंधन कर लिया था. लेकिन जहां पर बीजेपी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था. वहां ये दोनों पार्टी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ी थीं. 

विकास से ज्यादा पहचान पर होगा लद्दाख चुनाव 

द्रास के एक नागरिक ने कहा कि, बुधवार को होने वाली वोटिंग विकास से ज्यादा लोगों की पहचान के लिए होगा. इस शख्स ने 40 वर्षों तक सेना में कुली के रूप में काम किया है. जिसमें साल 1999 में होने वाले कारगिल युद्ध भी शामिल है. उन्होंने कहा कि लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद असहाय सा महसूस कर रहे हैं. साथ ही यहां पर कोई विधायक या मंत्री नहीं है. लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के बनाने के बाद यहां पर हिल काउंसिल का अधिकार खो दिया गया है. इसके बाद भी यह चुनाव हमारे लिए काफी महत्व रखता है. 

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04 October 2023, 07:04 AM IST

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