एमपी में फर्जी डॉक्टर ने की मरीजों की हार्ट सर्जरी, 7 की मौत...अब अस्पताल के खिलाफ प्रशासन ने लिया एक्शन

एन जॉन केम नामक एक व्यक्ति ने ईसाई मिशनरी अस्पताल में नौकरी की, उसने एक प्रसिद्ध ब्रिटिश डॉक्टर के तौर पर अपनी पहचान बताई और खुद को दिल की बीमारी का विशेषज्ञ बताया. इसके बाद उसने मरीजों की कार्डियक सर्जरी की. अधिकारियों ने कहा कि जिन मरीजों की सर्जरी हुई, उनकी बाद में मौत हो गई.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है. दरअसल, दमोह शहर में एक निजी मिशनरी अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर मरीजों के दिल का इलाज कर रहा था, इस दौरान करीब 7 मरीजों की मौत हो गई. अस्पताल में एक महीने के भीतर 7 मौतों की रिपोर्ट ने लोगों में डर का माहौल है और यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है.
 

रिपोर्ट के अनुासर, एन जॉन केम नामक एक व्यक्ति ने ईसाई मिशनरी अस्पताल में नौकरी की, उसने एक प्रसिद्ध ब्रिटिश डॉक्टर के तौर पर अपनी पहचान बताई और खुद को दिल की बीमारी का विशेषज्ञ बताया. इसके बाद उसने मरीजों की कार्डियक सर्जरी की. अधिकारियों ने कहा कि जिन मरीजों की सर्जरी हुई, उनकी बाद में मौत हो गई. रिपोर्ट के अनुसार, जांच में आरोपी का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव बताया गया.

मरीजों के परिजनों ने बताई सच्चाई

इससे पहले एडवोकेट और बाल कल्याण समिति के जिला अध्यक्ष दीपक तिवारी ने दावा किया था कि आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 7 बताई गई है, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा है. उन्होंने पहले दमोह के जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी. तिवारी ने बताया कि कुछ मरीजों के परिजन हमारे पास आए और हमें घटना के बारे में बताया कि वे अपने पिता को अस्पताल ले गए थे और वह व्यक्ति ऑपरेशन करने के लिए तैयार था, लेकिन वे थोड़ा आशंकित थे, इसलिए वे अपने पिता को जबलपुर ले गए. तब हमें पता चला कि अस्पताल में एक नकली डॉक्टर काम कर रहा है. असली आदमी ब्रिटेन में है और इस आदमी का नाम नरेंद्र यादव है. हैदराबाद में उसके खिलाफ एक मामला दर्ज है और उसने कभी अपने असली दस्तावेज नहीं दिखाए.

अस्पताल को मिल रहा आयुष्मान योजना का लाभ

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मिशनरी अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार से पैसा भी मिल रहा है. कानूनगो ने बताया, "हमें शिकायत मिली थी कि एक फर्जी डॉक्टर ने मिशनरी अस्पताल में मरीजों की सर्जरी की है. हमें यह भी बताया गया कि मिशनरी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से भी जुड़ा है और इसके लिए सरकार से पैसे ले रहा है. यह एक गंभीर शिकायत है, हमने मामले का संज्ञान लिया है और फिलहाल जांच चल रही है."

अस्पताल को किया गया सील

आरोपों के बाद अस्पताल से सभी दस्तावेज जब्त कर लिए और अस्पताल को सील कर दिया गया है. जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने ब्रिटेन के मशहूर डॉक्टर के नाम से मिलते-जुलते फर्जी डॉक्युमेंट सबमिट किए थे. आरोपी पर हैदराबाद में दर्ज एक आपराधिक मामले समेत कई विवादों में शामिल होने का आरोप है.

दमोह जिले के कलेक्टर सुधीर कोचर ने कहा है कि वह जांच पूरी होने के बाद बयान देंगे. दमोह एसपी अभिषेक तिवारी ने एएनआई को बताया, "हम फिलहाल मिशनरी अस्पताल में हुई कई मौतों के मामले की जांच कर रहे हैं."

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05 April 2025, 02:58 PM IST

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