'फर्जी सुप्रीम कोर्ट वारंट, जाली एटीएम कार्ड', चंडीगढ़ में 82 वर्षीय रिटायर्ड कर्नल से कैसे ठगे 3.41 करोड़ रुपये?
चंडीगढ़ में रिटायर कर्नल दिलीप सिंह बाजवा को दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके करोड़ों रुपयों की ठगी की गई. मामला सामने आने के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तीनों हरियाणा के सिरसा जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं. बाजवा ने बताया कि जाली एटीएम और सुप्रीम कोर्ट के जाली वारंट के जरिए निशाना बनाया गया.

चंडीगढ़ के 82 वर्षीय रिटायर कर्नल दलीप सिंह बाजवा से 3.41 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. उन्होंने पुलिस को बताया कि पूरी घटना 18 मार्च को एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से शुरू हुई. कॉल करने वालों ने उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' में फंसाया और बाद में उन्हें अलग-अलग खातों में कई भुगतान करने के लिए मजबूर किया. जिसके बाद पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से तीन को शनिवार को पकड़ा गया.
दो दिनों तक करके रखा डिजिटल अरेस्ट
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बाजवा ने बताया कि उन्हें पहला कॉल एक अंतरराष्ट्रीय नंबर +96424111812 से आया था. कॉल करने वाले ने खुद को सरकारी अधिकारी बताया. जब उसने एक जाली एटीएम कार्ड दिखाया जो एक नकली वर्चुअल अकाउंट से जुड़ा था, जो उसके नाम से बनाया गया था. तब बाजवा ने उस पर विश्वास किया. बातचीत वीडियो कॉल पर हो रही थी. अगले दिन फोन करने वाले ने उन्हें बताया कि खाते पर 2 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी है.
रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला व्यवसायी नरेश गोयल से जुड़ा है और बाजवा पर 20 लाख रुपये कमीशन लेने का आरोप है. इतना ही नहीं आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का जाली गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया और बाजवा को लगातार वीडियो कॉल पर रखा. उन्होंने उसे डरा धमकाकर अलग-अलग खातों में कई पैसे ट्रांसफर करवाए और उसे गिरफ्तारी से छूट दिलाने का भरोसा दिलाया. अब मामला साइबर क्राइम टीम के पास पहुंच गया है, जो घोटाले से जुड़े अन्य खातों, मनी म्यूल और घोटाले में इस्तेमाल डिजिटल उपकरणों सहित वित्तीय सुराग की जांच कर रही है.
हरियाणा के रहने वाले हैं ठग
हाल ही में हुई गिरफ्तारी में पुलिस ने अवतार सिंह (21), अमृतपाल सिंह (25) और सुनील कुमार (24) को गिरफ्तार किया है. ये सभी हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं. पुलिस के अनुसार, अमृतपाल सिंह और सुनील कुमार नामक दो लोगों ने अवतार सिंह नामक एक अन्य व्यक्ति को इंडसइंड बैंक में उसके नाम से बैंक खाता खोलने के लिए राजी किया. खाता चालू होने के बाद इसका इस्तेमाल धोखाधड़ी के ज़रिए प्राप्त ₹9.40 लाख प्राप्त करने के लिए किया गया.
कैसे हुए पैसों का बंटवारा?
अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होने के बाद अमृतपाल और सुनील ने रुपयों को निकाल लिया. उन्होंने पैसे का 1% हिस्सा अपने पास रख लिया और बाकी हिस्सा दूसरे व्यक्ति को दे दिया, जो अभी भी फरार है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह खाता चोरी के पैसे को ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किए गए कई खातों में से एक था.
चंडीगढ़ पुलिस ने की कार्रवाई
इससे पहले पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया था. हरियाणा के नारनौल से 25 वर्षीय महक यादव और राजस्थान के झुंझुनू से 23 वर्षीय सचिन शर्मा. वे इसी तरह के एक मामले में शामिल थे, जिसमें एक खाते में ₹1.05 करोड़ जमा किए गए थे. उन्होंने कमीशन के तौर पर ₹1.2 लाख लिए थे. पूरा मामला चंडीगढ़ के सेक्टर 2ए निवासी दिलीप सिंह बाजवा द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद शुरू हुआ.