हरियाणा के मेवात से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें एक 10 बच्चों के पिता ने अपने से 20 साल छोटी लड़की से निकाह किया और फिर अदालत से सुरक्षा की मांग की। इस पर अदालत ने उन्हें सुरक्षा देने की बजाय जुर्माना ठोक दिया। मामला इतना हैरान करने वाला था कि हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए विशेष टिप्पणी भी की.
दरअसल, हाल ही में शख्स ने 20 साल की एक युवती से निकाह किया था. इसके बाद, वह अपनी जान को खतरा बताकर अपनी नई पत्नी के साथ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा और अदालत से सुरक्षा की गुहार लगाई.
हाईकोर्ट ने जब मामले की सुनवाई की, तो याचिका में कई गंभीर तथ्य छिपाने का आरोप लगाया गया. जज ने पाया कि याचिकाकर्ता ने अपनी पहली शादी और 10 बच्चों की जानकारी को अदालत से छिपाने की कोशिश की थी. अदालत ने इस पर न सिर्फ कड़ी फटकार लगाई और याचिका खारिज करते हुए एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अदालत से झूठे तथ्यों के आधार पर राहत पाने की कोशिश की, जो कि अस्वीकार्य है. इस राशि को पीजीआई पुअर फंड में जमा कराने का आदेश दिया गया.
हाईकोर्ट में यह बात सामने आई कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में युवती का आधार कार्ड इस तरह पेश किया कि उसकी पहचान छिपाई जा सके. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि यह सिर्फ अदालत को गुमराह करने की एक चाल थी. याचिका में आरोप था कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है, लेकिन जब जज साहब ने धमकी देने वालों के नाम पूछे, तो स्पष्ट जवाब नहीं मिला. यह भी कहा गया कि इस तरह की याचिकाएं हाईकोर्ट में हर रोज आती हैं, जिसमें प्रेमी जोड़े भागकर शादी करने के बाद अदालत से सुरक्षा मांगते हैं.
हाईकोर्ट ने इस फैसले से एक कड़ा संदेश दिया है कि अदालत में झूठे तथ्यों के साथ न्याय की मांग करना गलत है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस फैसले के बाद, मेवात के इस व्यक्ति और उसकी नई पत्नी के लिए सुरक्षा तो नहीं मिली, लेकिन एक सबक जरूर मिला है कि अदालत में तथ्यों को छिपाना गलत है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. First Updated : Wednesday, 13 November 2024