Uttar Pradesh News: गर्मियों के मौसम में एसी और कूलर की ठंडी हवा लेने की वजह से बिजली का बिल बढ़ना तो सामान्य बात है. मगर बिजली का बिल करोड़ों में आ जाए ये हैरान कर देने वाला है. दरअसल उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 122 में रहने वाले एक निवासी का बिल 4 करोड़ रुपए आया है. जिनकी पहचान बसंत शर्मा के रूप में हुई है. वह भारतीय रेलवे में कार्यरत है और फिलहाल शिमला में ऑफिशियल ट्रेनिंग पर हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते दिन गुरुवार की सुबह 11:30 बजे उन्हें अपनी पत्नी प्रियंका शर्मा के नाम से संदिग्ध रूप से अधिक बिल आने के बारे में एक एसएमएस मिला. इस दौरान बिजली वितरण कंपनी ने इसके लिए मीटर रीडिंग में गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया है, और इसे ठीक करने का आश्वासन दिया है.
आमतौर पर बसंत शर्मा को हर महीने 1490 रुपये का बिल आता था , लेकिन इस बार यह रकम उनकी कल्पना से भी ज्यादा थी. मैसेज में उनका तीन महीने 9 अप्रैल से 18 जुलाई तक का बिजली बिल 4,02,31,842 करोड़ रुपये था. वहीं मैसेज में यह भी कहा गया था कि अगर बिजली बिल का भुगतान दी हुई तारीख 24 जुलाई को किया जाता है तो कस्टमर कुल राशि में 2.8 लाख रुपए की छूट पा सकता है. इस दौरान बसंत शर्मा ने बताया कि उनका घर किराये पर है.
बिल की राशि इतनी देखकर उन्होंने तुरंत अपने किराएदार को फोन लगाया है. इस दौरान उसने बताया कि वो तो केवल बुनियादी उपकरणों का ही उपयोग करता है. उन्होंने आगे कहा कि अभी मैं शहर से बाहर हूं, इसलिए एसएमएस मिलते ही मैंने डिस्कॉम के जूनियर इंजीनियर को फोन किया. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि राशि को ठीक कर दिया जाएगा और मुझे भेज दिया जाएगा.
इस बिजली बिल को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि 85,936 यूनिट की आखिरी मीटर रीडिंग 8 अप्रैल को ली गई थी और 1,476 रुपये के बिल का भुगतान 22 जून को किया गया था. 18 जुलाई को ली गई मौजूदा मीटर रीडिंग 90,144 यूनिट थी. इस प्रकार तीन महीने में मीटर यूनिट रीडिंग 4208 यूनिट. लेकिन, इसमें 4.02 करोड़ रुपये का बकाया बताया गया है. मानक कटौती के बाद गणना की गई राशि 3.98 करोड़ रुपए और देय राशि 3.75 लाख रुपए बताई गई है. क्षेत्र के प्रभारी कार्यकारी अभियंता (Executive Engineer In Charge) शिवम त्रिपाठी ने कहा कि इस तरह की गड़बड़ी दुर्लभ है. बिजली विभाग ने शिकायत का तुरंत संज्ञान लिया।
इस दौरान शिवम त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले में मीटर रीडिंग सही तरीके से नहीं ली गई थी. मामले को क्षेत्र के उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) के संज्ञान में लाया गया. उन्होंने कर्मचारियों को नई रीडिंग लेने और नया बिल जारी करने का निर्देश दिया है.