बिजनौर में गुलदार का आतंक: 8 साल की बच्ची की जान गई, 50 से ज्यादा मौतें

यूपी के बिजनौर के मलूकपुर गांव में एक गुलदार ने 8 साल की तान्या को शिकार बना लिया, जब वह अपनी मां के साथ खेत में चारा लेने गई थी. यह हादसा इस बात का ताजा उदाहरण है कि पिछले दो सालों में गुलदारों के हमलों में 50 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. गांव में डर का माहौल है और लोग खेती करने से हिचक रहे हैं. जानें, इस दर्दनाक घटना के पीछे की पूरी कहानी और इलाके में चल रही सुरक्षा प्रयासों के बारे में.

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Fear Of Guldar In Bijnor: यूपी के बिजनौर में गुलदारों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल ही में मलूकपुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जहां 8 साल की बच्ची तान्या की गुलदार के हमले में जान चली गई. यह घटना इस बात का एक और सबूत है कि क्षेत्र में गुलदारों के हमलों से स्थानीय लोग कितने भयभीत हैं.

तान्या, जो कक्षा तीन की छात्रा थी, अपनी मां सविता के साथ चारा लाने खेत गई थी. अचानक, गन्ने के खेत से एक गुलदार निकला और उसने तान्या को अपने जबड़ों में दबोच लिया. तान्या की मां ने शोर मचाया, जिससे आसपास के किसान मदद के लिए दौड़े. लेकिन तब तक गुलदार तान्या को घायल करके भाग चुका था.

गंभीर चोटें और अस्पताल में मौत

गांववालों ने तान्या को तुरंत अस्पताल पहुंचाया लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. उसकी गर्दन और कंधे पर गहरे घाव थे. इस घटना ने गांव में गम और दहशत का माहौल बना दिया है. तान्या की मौत के बाद उसके परिवार का बुरा हाल है.

गुलदारों की बढ़ती संख्या

दरअसल पिछले दो सालों से बिजनौर में गुलदारों के हमलों में 50 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. ये गुलदार अक्सर खेतों में काम कर रहे किसानों और मजदूरों पर हमला कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग खेती-बाड़ी का काम करना भी बंद कर रहे हैं. इसके कारण फसलों की देखभाल ठीक से नहीं हो पा रही है जिससे उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ रहा है.

वन विभाग की कार्रवाई

बिजनौर वन विभाग के डी.एफ.ओ ज्ञान सिंह के मुताबिक, गुलदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दस टीमें काम कर रही हैं. जिले में लगभग 500 गुलदार हैं, जो गन्ने के खेतों में बसेरा बनाकर बैठते हैं. ज्ञान सिंह ने बताया कि गांव में पिंजरे लगाकर गुलदारों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है. अब तक करीब 100 गुलदार पकड़े जा चुके हैं और उन्हें जंगलों या चिड़ियाघरों में छोड़ा गया है.

गुलदारों के खौफ का असर

गुलदारों के डर के चलते मजदूर अब सिर्फ उन्हीं किसानों के साथ काम कर रहे हैं, जो खेतों में सुरक्षा के लिए बंदूक या राइफल रखते हैं. बिजनौर के लगभग 100 गांवों को गुलदार प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है और वन विभाग की टीमें गश्त कर रही हैं. इसके बावजूद, घटनाओं पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है जिससे गांववालों में निराशा और भय का माहौल बना हुआ है.

यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि मनुष्य और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखना कितना आवश्यक है. स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. First Updated : Friday, 11 October 2024