उत्तर प्रदेश के बलिया में प्राकृत की दोहरी मार कही बाढ़ से हाहाकार तो कही सूखे से मचा है कोहराम। गंगा की तेज लहरों से दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में 40 हजार की आबादी प्रभावित शहर के निचले हिस्सो में भी घुसा बाढ़ का पानी। तो वही एक एक बूंद के लिए तरस रहा है किसान । जिला प्रशाशन ने कहा बाढ़ पीड़ितों के लिए पुख्ता इनतजाम कम बारिश के चलते सूखे से भी किसान परेशान। गांव वालों ने कहा नही मिल रही कोई सरकारी मदद।
गंगा किनारे बलिया के बैरिया तहसील की बाढ़ की यह तसवीरे है जहा उफनाई गंगा ने स्कूल, कॉलेज, गांव, दरवाजे पर रक्खी गाड़ी,को अपने आगोश में ले लिया है। नाव की अभाव में बाढ़ पीड़ित अपनी जान जोखिम में डालकर अपने घरों से बाहर आ रहे है।तो वही छोटे छोटे बच्चे नावों पर सवारी कर रहे है। बाढ़ से घिरे गांव के लोगो की माने तो सरकार से तरफ से कोई मदद नही पहुंच रहा है ।उनका हॉल जानने अभी तक कोई उनके दरवाजे तक नही पहुंचा है।
बलिया के सात तहशीलो में एक बैरिया तहसील बाढ़ की चपेट में है तो वही बाकी के 6 तहसील एक एक बूंद के लिए तरस रहे है फसले सुख चुकी है खेतो में चारो तरफ दरार फट चुकी मगर मगर उनके तरफ किसी की निगाहें नही है। SDM ने कहा प्राकृत की अजीब बिडम्बना है बलिया में कही बाढ़ है तो कही कम बारिश के चलते सूखा पड़ चुका है। फिलहाल बढ़ पीड़ितों के लिए राशन, पका पकाया खाना, दावा के इनतजाम, नाव, सहित मवेशियों के लिए चारा और गावो में जनरेटर के जरिये बिजली का पूरा व्यवस्था किया गया है। First Updated : Friday, 02 September 2022