नेपाल के पानी से डूबा बिहार, सैकड़ों गांव जलमग्न, आशियाना छोड़ने पर लोग मजबूर
Flood situation in Bihar: बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. राज्य के सैकड़ों गांव बाढ़ से बूरी तरह प्रभावित हो गए हैं. कई नदियों के तटबंध टूट गए हैं जिसकी वजह से स्थिति बेहद गंभीर हो गई है. लोग अपना आशियाना छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं. नेपाल की सीमा से लगे कोसी और बागमती जिलों सहित प्रमुख नदियां उफान पर बह रही है. सड़क, घर, खेत हर जगह बस पानी ही पानी दिखाई दे रहा है.
Bihar Flood Situation: नेपाल में भारी बारिश ने बिहार के हालात बद से बदतर कर दिए हैं. राज्य की 10 से ज्यादा नदिया खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पूरा उत्तर बिहार बाढ़ से जूझ रहा है. 13 जिलों के लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.जिन सड़कों पर वाहन चला करते थे वहां नाव की मदद से आना जाना हो रहा है. गली, कूंचे, मौहल्ले सब जगह पानी ही पानी है. प्रशासन मुनादी कराकर लोगों को पानी में डूबे घरों को छोड़ने की अपील कर रहा है. जरूरी सामान को लेकर लोग दुखी मन से अपना आशियाना छोड़ रहे हैं.
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि उफनती नदियों का जलस्तर कम होने पर तटबंध भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है. गंडक, बागमती और कोसी नदियों पर बने तटबंध कई स्थानों पर टूट गए हैं, जिससे पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और दरभंगा जिलों में बाढ़ आ गई है.
बिहार के इन जिलो में बाढ़ से हाहाकार
अब तक 16 जिलों के 55 ब्लॉकों की 269 पंचायतों में रहने वाले 9.9 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रभावित जिलों में पश्चिम और पूर्वी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, सीतामढी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, सुपौल, सीवान, मधेपुरा, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा शामिल हैं. जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, तातरी गांव के पास कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध टूट गया है जिसकी वजह से दरभंगा जिले के कीरतपुर प्रखंड के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
शिवहर- सितामढी में भी बाढ़ का प्रकोप
बागमती की तेज धारा ने सीतामढ़ी के बेलसंड और रुन्नी सैदपुर प्रखंडों और शिवहर के तरियारी प्रखंड में पांच स्थानों पर तटबंधों को बहा दिया है. शिवहर के तरियानी प्रखंड के दर्जनों गांव बागमती नदी की बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. जिले के तरियानी छपरा गांव के पास नदी का दायां तटबंध टूटने से गांव में पानी घूस गया है.जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दरार को भरने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है. वहीं बगहा के खरतावन गांव के पास गंडक नही की तेज धारा ने चंपारण तटबंध को तोड़ दिया है.
पहली बार नेपाल ने छोड़ा इतना पानी
इतिहास में पहली बार नेपाल से नदियों के माध्यम से इतना पानी बिहार में आया है. मंत्री ने कहा, 'दो दिन पहले नेपाल में 60 घंटे की बारिश के कारण उत्तर बिहार की सभी नदियों में नेपाल की ओर से पानी छोड़ा गया. पहली बार कोसी का जलस्तर भी बीरपुर बैराज से ऊपर चला गया. विभाग के अधिकारियों ने लगभग हर जगह इस कठिन परिस्थिति का मुस्तैदी से सामना किया. इस बार लगातार प्रयास के बावजूद बागमती और कोसी तटबंध में दरार आ गई.